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HMPV वायरस की गलत जानकारी है डर का कारण, एक्सपर्ट से जानें 5 सवालों के जवाब

HMPV वायरस को लेकर इस वक्त सोशल मीडिया पर कई तरह की गलत जानकारी शेयर की जा रही है। जिसके चलते लोगों में डर बना हुआ है। इस आर्टिकल में आप एक्सपर्ट से एचएमपीवी से संबंधित सारी जानकारी जान सकते हैं।

ह्युमन मेटापन्युमोवायरस  यानी HMPV वायरस ने सभी को डरा दिया था। जिस तेजी से इसके मामले सामने आए थे, लोगों में इस बात का डर बन गया था कि कहीं ये वायरस भी कोविड जैसे हालात न ले आए। इसकी एक और वजह ये भी थी कि एचएमपीवी वायरस में कोरोना जैसे ही कुछ लक्षण नजर आ रहे हैं।

एचएमपीवी के जितने केस दर्ज किए जा रहे हैं, उतने ही लोगों के मन में सवाल भी खड़े हो रहे हैं। जैसे कि क्या ये जानलेवा तो नहीं है, क्या इसका प्रभाव भी कोरोना वायरस जैसा ही है, एचएमपीवी से बचाव कैसे किया जा सकता है, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से लोग कितने दिन तक पीड़ित रहते हैं, वगैरह, वगैरह।

हो सकता है कि आपके मन में भी ढेर सारे सवाल इस नए वायरस को लेकर हों, तो आज इस आर्टिकल में हम HMPV वायरस से जुड़े आपके सारे सवाल के जवाब देने जा रहे हैं। साथ ही कुछ गलतफहमियों को भी दूर करेंगे, जिससे आप गुमराह न हों।

सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि 2001 में ही इसका पहला केस दर्ज किया गया था। इंडिया में भी इसके केस पहले सामने आ चुके हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर फैले तमाम मिसलीडिंग इंफॉर्मेशन की वजह से लोग इसे लेकर गुमराह हो रहे हैं।

इस बीच डॉक्टर रक्षिता सिंह, जो कि एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी हैं, ने एक वीडियो के जरिए HMVP वायरस की जानकारी दी है |

HMPV वायरस क्या है?

एचएमपीवी वायरस आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम पर वार  करता है, जिससे नाक, गला और लंग्स प्रभावित होते हैं। इसमें नॉर्मल सर्दी जैसे ही फ्लू के लक्षण नजर आते हैं, जैसे कि फीवर, खांसी और सांस लेने में तकलीफ।

HMPV वायरस किसे अपना शिकार बना रहा है?

वैसे तो यह वायरस हर उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन 14 साल से कम के बच्चे, बुजुर्ग लोग, अस्थमा के मरीज और वीक इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। उनमें इसके मामले थोड़े से सीरियस हो सकते हैं।

एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए क्या करें

भारत और दुनिया के अन्य देशों में बढ़ रहे एचएमपीवी वायरस केस के बीच यह जानना भी जरूरी है कि आखिर इस वायरस से कैसे बचा जाए। उसके भी तरीके डॉक्टर ने शेयर किए हैं। डॉ. रक्षिता सिंह के मुताबिक-
अपने हाथों को 20 सेकंड से ज्यादा धोएं।
अगर हाथ नहीं धुला है तो आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
अपने हाथों को सैनिटाइज करें और मास्क लगाकर रखें।
लोगों से कम से कम 6 फीट से ज्यादा का डिस्टेंस मेंटेन करने की कोशिश करें।
एचएमपीवी ड्रॉपलेट्स से फैलता है, ऐसे में अपनी हथेलियों से मुंह को न कवर करते हुए कोहनी के मोड़ के पास खांसें।
इसके अलावा पानी पिएं और हेल्दी खाना खाएं।

कब कराएं चेकअप

अगर बताए गए लक्षण में से कोई भी लक्षण शरीर में नजर आए तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवा लें। इसके अलावा मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करें, बुखार आने पर पैरासिटमोल खा सकते हैं।

क्या एचएमपीवी वायरस के चलते लॉकडाउन हो सकता है

इस वक्त फिलहाल कई लोगों के मन में यही सवाल है कि क्या लॉकडाउन फिर से हो सकता है। इस पर डॉक्टर का कहना है कि एचएमपीवी वायरस के चलते लॉकडाउन होने के चांसेस बहुत कम हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

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