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नींद पूरी न होने से बढ़ जाता है दिल की बीमारियों का खतरा, इन तरीकों से करें बचाव
आप जानते होंगे कि नींद पूरी न होने के कारण फोकस कम होना याददाश्त कमजोर होने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि काफी कम लोग यह समझते होंगे कि नींद की कमी दिल पर भी असर डालती है। इसके कारण दिल की बीमारियों का रिस्क (heart disease causes) बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कैसे और अच्छी नींद के लिए क्या करें।

आजकल की लाइफस्टाइल में नींद पूरी करना किसी प्रिविलेज से कम नहीं है। किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है। हालांकि, आमतौर पर लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं (Sleep Deprivation)। कारण है बिजी लाइफस्टाइल। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि रात की नींद पूरी न होने से आपके दिल पर क्या असर पड़ता है?
नींद की कमी क्यों है खतरनाक?
- स्ट्रेस हार्मोन का बढ़ना- जब हम पूरी नींद नहीं लेते हैं, तो हमारे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। यह हार्मोन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है और दिल पर एक्स्ट्रा दबाव डालता है।
- सूजन- नींद की कमी से शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जो आर्टरीज को नुकसान पहुंचा सकती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है।
- ब्लड शुगर का स्तर- नींद की कमी से ब्लड शुगर लेवल का स्तर बढ़ सकता है, जो टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है। डायबिटीज, जैसा कि आप जानते हैं, दिल की बीमारियों का एक अहम रिस्क फैक्टर है।
- अनियमित हार्ट बीट- नींद की कमी से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
- मोटापा- नींद की कमी से भूख बढ़ सकती है और मेटाबोलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। मोटापा भी हार्ट डिजीज का एक अहम रिस्क फैक्टर है।
कितने घंटों की नींद लेना जरूरी है?
ज्यादातर वयस्कों को रात में 7-9 घंटे की नींद की जरूरत होती है। अगर आपको लगता है कि आपको पूरी नींद नहीं मिल रही है, तो आप अपने डॉक्टर से बात करें।
बेहतर नींद के लिए टिप्स
- फिक्स स्लीप साइकिल- हर रात एक ही समय पर बिस्तर पर जाने और उठने की कोशिश करें।
- शांत वातावरण- सोने से पहले अपने कमरे को शांत, अंधेरा और ठंडा रखें।
- डिजिटल डिवाइस- सोने से पहले मोबाइल फोन, टैबलेट और कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से बचें।
- कैफीन और अल्कोहल- सोने से पहले कैफीन और अल्कोहल पीने से बचें।
- एक्सरसाइज- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, लेकिन सोने से ठीक पहले नहीं।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट- तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग या अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करें।