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शरीर को अंदर से तोड़ देती है इस मिनिरल की कमी, बिना पता चले भूख, चैन खोने लगता, लक्षणों को इग्नोर करेंगे तो पछताएंगे

अगर शरीर में इस मिनिरल की कमी हो जाए तो पूरा शरीर टूटने लगता है. एक तरह से शरीर को हर कोना इससे प्रभावित हो जाता है. अगर इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर दें तो भारी मुसीबत होने लगती है.

मैग्नीशियम हमारे शरीर का ऐसा मिनिरल है जो इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाता है. इलेक्ट्रोलाइट्स का मतलब आप ऐसे समझ सकते हैं कि यह हमारे शरीर में संवेदी कोशिकाओं के जितने तार जुड़े हुए हैं यानी हमारे शरीर में नसों को सिग्नल देने का काम आता है. अगर मैग्नीशियम न हो तो नसें काम नहीं करती और कोई भी संदेश शरीर में इधर से उधर नहीं होती. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने लगे तो यह आपके शरीर को किस तरह हिला सकता है. अगर मैग्नीशियम की कमी हुई है तो सबसे पहले दिमाग ही शरीर को आवश्यक सिग्नल नहीं देगा जिससे आपका कई काम रूक सकता है या धीमा हो सकता है. आपका दिमाग और मसल्स पूरी तरह से इन्हीं इलेक्ट्रोलाइट्स पर निर्भर करता है. अब जरा समझ लीजिए कि मैग्नीशियम की कमी होने पर शरीर में क्या-क्या होता है.

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण

क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी हुई तो शरीर आपका हिलने लगेगा. शरीर में कंपन महसूस कर सकते हैं. पूरे शरीर के मसल्स में दर्द होने लगेगा. यहां तक कि मसल्स में क्रैंप आने लगेगा जिसका दर्द बहुत खतरनाक होता है. कभी-कभी काफ मसल्स अपनी जगह से खिसक जाता है जिससे बहुत ज्यादा दर्द होता है. मैग्नीशियम की कमी से हाथ-पैर में सून्नापन आने लगता है. इससे आंखों का मूवमेंट अलग हो जाता है. शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान होने लगती है. अगर बहुत ज्यादा मैग्नीशियम की कमी है तो इससे दौड़ा पड़ सकता है और हार्ट का रिद्म बिगड़ सकता है. दिमाग में बहुत ज्यादा कंफ्यूजन हो जाता है.

महिलाओं को खास परेशानी
मैग्नीशियम की कमी महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है. महिलाओं में इम्यूनिटी के अलावा मैग्नीशियम का काम पीरियड्स और मेनोपॉज का नियंत्रित करना है. ऐसे में जब महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है और प्री-मैन्स्ट्रुअल सिंड्रोम हो जाता है इससे पीरियड्स आने से पहले और बाद में बहुत तेज दर्द होता है. वहीं इससे पेल्विक पेन भी बहुत ज्यादा होता है. वहीं मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी और ज्यादा परेशानी करती है. मैग्नीशियम की कमी के कारण अक्सर महिलाएं सिर दर्द, एंग्जाइटी, मूड स्विंग से परेशान रहती है. मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो अक्सर महिलाओं को भूख नहीं लगती. इससे थकान और कमजोरी और बढ़ जाती है. उल्टियां ज्यादा होने लगती है और हड्डियां कमजोर होने गती है. अगर बहुत ज्यादा मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो महिलाएं बेहोश होकर गिरने लगती है और हार्ट बीट अनियमित हो जाता है.

मैग्नीशियम की कमी न हो, इसके लिए क्या करें
ऐसी कोशिश करें कि मैग्नीशियम की कमी शरीर में कभी हो ही नहीं. इसके लिए अपनी डाइट में हरी पत्तीदार सब्जियों का ज्यदा सेवन करें. फलीदार सब्जियां जैसे कि हरी मटर, विभिन्न तरह की दालें, बींस आदि का पर्याप्त सेवन करें. विभिन्न तरह के बादाम से मैग्नीशियम की पूर्ति होती रहती है. वहीं पंपकिन सीड्स, अलसी के बीज, चिया सीड्स आदि का सेवन करते रहे.

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