भाजपा के लिए आसान नहीं होगी उपचुनाव में जीत की राह, 1996 के बाद लगातार करना पड़ा सीसामऊ सीट पर हार का सामना

Sisamau Assembly By Election उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें सीसामऊ और मिल्कीपुर सीट काफी खास है। भारतीय जनता पार्टी इन दोनों ही सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है लेकिन पार्टी की राह इतनी आसान भी नहीं वाली है। सीसामऊ सीट पर भाजपा 1996 के बाद लगातार इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा है।
- भाजपा के लिए आसान नहीं सीसामऊ उपचुनाव में जीत की राह
- 1996 के बाद इस सीट पर जीत का सेहरा बांधने को तरस रही पार्टी
- लोकसभा चुनाव में वोटों का अंतर और ज्यादा बढ़ने से बढ़ी चिंता
कानपुर। सीसामऊ विधानसभा सीट का उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन उसके लिए जीत की राह आसान नहीं है। पार्टी लगातार पिछले पांच चुनाव यहां से हार रही है और आखिरी बार उसने 1996 में यहां जीत की खुशी मनाई थी। लोकसभा चुनाव में उसके पीछे रहने का अंतर और बढ़ गया है। जिसने मैदान में उतरने से पहले ही खतरे की घंटी बजा दी है।
सीसामऊ विधानसभा सीट 1990 के बाद भाजपा के गढ़ के रूप में पहचानी जाने लगी थी। आरक्षित श्रेणी की इस सीट से 1991, 1993 और 1996 में भाजपा प्रत्याशी राकेश सोनकर ने लगातार तीन चुनाव जीते थे। इसके बाद भी 2002 में पार्टी ने उनका टिकट बदल कर कपूर चंद सोनकर को दे दिया था। यहीं से पार्टी के पराजय की शुरुआत हो गई।
2002 से भाजपा को लगातार मिली हार
इसके बाद 2007 में पार्टी ने फिर राकेश सोनकर को आजमाया, लेकिन वह भी हार गए। परिसीमन के बाद सीट सामान्य हो गई और हनुमान मिश्रा, सुरेश अवस्थी और सलिल विश्नोई सभी चुनाव लड़े, लेकिन एक-एक कर हार गए।
अब इरफान सोलंकी की विधानसभा से सदस्यता खत्म होने के बाद पार्टी उपचुनाव में जीत की उम्मीद लगाए है। 2002 से अब तक हुए पांच चुनाव में हार का सबसे बड़ा अंतर 2012 में 19,663 वोट का था, लेकिन मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा और विपक्षी दल के वोट का अंतर 26,475 हजार का हो गया है, जो पार्टी के लिए चिंता का कारण है।
आंकड़ों को देखा जाए तो चिंता का कारण वे बूथ भी हैं, जहां भाजपा वोट ही नहीं ले पाती। 275 बूथ वाले इस विधानसभा क्षेत्र में 60 बूथ ऐसे हैं, जहां भाजपा प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव में दहाई वोट भी नहीं मिले।
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के परिणाम
वर्ष | भाजपा वोट | विपक्षी दल वोट |
1996 | 43,201 | 26,101 |
2002 | 23,933 | 29,482 |
2007 | 24,411 | 25,775 |
2012 | 36,833 | 56,496 |
2017 | 67,204 | 73,030 |
2022 | 66,897 | 79,163 |
2024 लोकसभा | 60,648 | 87,323 |
भाजपा उत्तर जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय ने बताया- घर-घर संपर्क कर रहे हैं। मतदाता सूची की अशुद्धियां खत्म कराई जा रही हैं। बहुत से बूथ पर वोट घटाए गए हैं, उन्हें सही कराया जा रहा है। करीब आठ से 10 हजार वोटों में नाम और फोटो गलत हैं, इनकी शिकायत कर रहे हैं।