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2 हजार से अधिक बर्खास्त B.Ed. शिक्षकों का नवा रायपुर में अनिश्चितकालीन धरना जारी, कमेटी के फैसले में देरी पर जताई नाराजगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 2,897 बर्खास्त B.Ed. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एक बार फिर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। अपनी बहाली की मांग को लेकर शिक्षक पहले भी 45 दिनों से अधिक प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण आंदोलन स्थगित करना पड़ा था। अब शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने उनकी बहाली के लिए उच्च स्तरीय कमेटी तो बना दी, लेकिन कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं लिया गया। इसी देरी से नाराज होकर शिक्षक दोबारा आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं।

गुस्से में शिक्षक, बोले “न नौकरी रही, न सुनवाई हो रही”।

धरना स्थल पर मौजूद एक शिक्षक ने कहा, *”सरकार ने हमें खुद भर्ती किया था, अब कोर्ट के फैसले का हवाला देकर बाहर कर दिया। गलती हमारी है या उनकी? अगर हमारी नौकरी छीननी थी, तो पहले दी ही क्यों थी? शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि कमेटी की कार्यवाही की समय सीमा तय की जाए, ताकि फैसला और ज्यादा न लटके। उनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, वे धरना खत्म नहीं करेंगे।

VIP मूवमेंट में घुटनों के बल बैठकर किया प्रदर्शन।

गुरुवार को विधानसभा जाने वाली सड़क पर शिक्षकों ने घुटनों के बल बैठकर प्रदर्शन किया और सरकार से अपनी मांगों पर जल्द निर्णय लेने की अपील की। इससे पहले वे पुलिस के साथ झड़प, ब्लड डोनेशन कैंप, सामूहिक मुंडन, जल सत्याग्रह और कई अन्य तरीकों से अपना विरोध जता चुके हैं।

अब तक का बर्खास्त शिक्षक संघ आपने मागों को लेकर कर चुके है प्रदर्शन।

– 14 दिसंबर:अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा की शुरुआत।

– 19 दिसंबर: धरना शुरू, सरकार को पत्र भेजे।

– 26 दिसंबर: शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सामूहिक मुंडन कराया।

– 30 दिसंबर: जल सत्याग्रह किया।

– 1 जनवरी: बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव।

– 3 जनवरी: सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई।

– 10 जनवरी: NCTE (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन।

– 17 जनवरी: कांग्रेस नेताओं ने धरना स्थल पहुंचकर समर्थन दिया।

– 20 जनवरी: आचार संहिता लागू होने से आंदोलन स्थगित।

प्रदर्शन को लेकर अब शिक्षकों का कहना है कि वे आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक धरना जारी रहेगा।

 

 

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