अमृतकाल में भी विकास से वंचित ग्राम पंचायत कटेमा, सड़क निर्माण में हुआ बड़ा घोटाला।

खैरागढ़। आजादी के 75 साल बाद भी छत्तीसगढ़ के कटेमा गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित यह गांव पहले नक्सलियों के प्रभाव में था, लेकिन आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) कैंप की स्थापना के बाद यहां सुरक्षा की स्थिति सुधरी। बावजूद इसके, ग्रामीण अब भी बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गांव तक सड़क पहुंचाने की योजना बनी थी, लेकिन ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सड़क के नाम पर केवल मिट्टी डाल दी गई और सरकारी राशि का गबन कर लिया गया।
अब तक बिजली के इंतजार में 27 परिवार।
देश जहां चंद्रयान और बुलेट ट्रेन की बात कर रहा है, वहीं कटेमा के 27 परिवार आज भी लालटेन और लकड़ी जलाकर रातें बिताने को मजबूर हैं। कुछ साल पहले लगाए गए सोलर पैनल अब जर्जर हो चुके हैं, जिससे गांव के लोग पूरी तरह अंधेरे में रहने को मजबूर हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली।
गांव में सिर्फ 5वीं तक की शिक्षा की व्यवस्था है, इसके आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को 40 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र जाना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी न के बराबर हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण बीमार ग्रामीणों को जंगल के रास्ते खाट पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। आईटीबीपी कैंप में प्राथमिक इलाज की सुविधा मिलती है, लेकिन गंभीर बीमारियों के लिए ग्रामीणों को अब भी दूर जाना पड़ता है।
सड़क निर्माण में घोटाला, ग्रामीणों के सपनों पर पानी।
सरकार ने कटेमा से घाघरा तक 11 किलोमीटर सड़क निर्माण की योजना बनाई थी, लेकिन आधा भुगतान होने के बावजूद सड़क का निर्माण नहीं हुआ। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से केवल मिट्टी डालकर सड़क का दिखावा किया गया, जबकि सरकारी राशि हड़प ली गई। मजदूरों को भी उनका मेहनताना नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सड़क सही तरीके से बन जाए, तो उन्हें राशन, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं आसानी से मिल सकती हैं।
प्रशासन का दावा, जल्द मिलेगा समाधान।
इस पूरे मामले पर खैरागढ़ की उप वनमंडलाधिकारी मोना माहेश्वरी ने बताया कि सड़क निर्माण में गड़बड़ी की जांच की जा रही है और जल्द ही कार्रवाई होगी। वहीं, सरपंच कमलेश वर्मा ने कहा कि कटेमा को जल्द ही बिजली से जोड़ा जाएगा और सड़क की मरम्मत भी प्राथमिकता में है।हालांकि, ग्रामीणों को अब भी इंतजार है कि सरकार और प्रशासन कब उनके गांव तक वास्तविक विकास पहुंचाएगा। क्या कटेमा के लोगों की जिंदगी रोशन होगी या वे इसी तरह बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते रहेंगे?