
रायपुर। बहुचर्चित डीएमएफ घोटाला मामले में विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपी सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी को आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की रिमांड पर सौंप दिया है। अब ईओडब्ल्यू 10 मार्च तक तीनों आरोपियों से पूछताछ करेगी। इस घोटाले में अब तक पांच आरोपी *सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, माया वॉरियर और मनोज द्विवेदी* ईओडब्ल्यू की रिमांड पर हैं।
90 करोड़ से अधिक का घोटाला।
ईडी द्वारा विशेष कोर्ट में पेश किए गए आरोप पत्र के अनुसार, डीएमएफ घोटाले की कुल राशि 90 करोड़ 48 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, महिला बाल विकास विभाग की पूर्व अफसर माया वॉरियर और ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी सहित 16 आरोपियों के नाम शामिल हैं।
टेंडर में गड़बड़ी और 40% कमीशन का खुलासा।
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान मनोज कुमार द्विवेदी ने रानू साहू और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से अपने एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर डीएमएफ फंड के कई ठेके हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को टेंडर राशि का 40% कमीशन दिया गया।
अवैध लाभ पहुंचाने का आरोप।
ईडी की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने इस घोटाले में धारा 120बी और 420 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में यह भी सामने आया कि कोरबा के डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMF) के फंड से टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया, और इसके बदले सरकारी अधिकारियों ने बड़ी रकम कमीशन के रूप में ली। अब ईओडब्ल्यू की टीम 10 मार्च तक तीनों आरोपियों से पूछताछ कर अन्य संलिप्त लोगों के नाम उजागर करने की कोशिश करेगी।