
बीजापुर।छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों में एक बड़ा कदम उठाया गया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने पामेड़ सहित सात पंचायतों को जोड़ने के लिए बस सेवा शुरू की है। यह पहली बार है जब पामेड़ गांव जिला मुख्यालय से सीधे सड़क मार्ग से जुड़ा है।
पहले इस गांव तक पहुंचने के लिए तेलंगाना के रास्ते से 200 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन अब यह दूरी घटकर 100 किलोमीटर रह गई है। बस सेवा से पामेड़ सहित 15 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
नक्सल प्रभाव कम होने से बहाल हुई कनेक्टिविटी।
अधिकारियों के अनुसार, पिछले चार महीनों में सड़क निर्माण, सुरक्षा शिविरों की स्थापना और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार में तेजी आई है। कलेक्टर संबित मिश्रा ने बताया कि सरकार की नियाद नेल्लानार योजना के तहत पामेड़ जैसे दुर्गम गांव अब मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। वहीं, पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि सुरक्षा बलों की मौजूदगी से नक्सलियों की पकड़ कमजोर हुई है, जिससे इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी संभव हो पाई। उन्होंने बताया कि इससे न केवल स्थानीय बाजारों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीणों को पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। बस सेवा के चालक मयंद्र चापड़ी और स्थानीय निवासीयो ने इस सुविधा की सराहना करते हुए कहा कि यह ग्रामीणों के लिए उत्साहजनक कदम है। सुरक्षा बलों की मदद से संचालित इस बस सेवा से प्रतिदिन 70-80 यात्री लाभान्वित हो रहे हैं।
मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन का लक्ष्य।
राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है। अप्रैल से नक्सल विरोधी अभियानों को और तेज करने की योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग मिल रहा है। राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 53 बटालियन तैनात की गई हैं। भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेलिकॉप्टर और अत्याधुनिक सर्विलांस उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं।
60 दिनों में 67 नक्सली ढेर।
बस्तर रेंज में बीते 60 दिनों के भीतर 67 हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं। पिछले 13 महीनों में छत्तीसगढ़ में 300 से अधिक नक्सली मारे गए,985 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, और 1177 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रोडमैप के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा इस अभियान को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
ग्रामीणों के लिए विकास की नई उम्मीद।
सड़क और बस सेवा की सुविधा मिलने से पामेड़ और आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव की उम्मीद बढ़ी है। अब यहां के लोग आसानी से जिला मुख्यालय तक पहुंच सकेंगे, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।