अन्यमध्य प्रदेशमौसम

March 2025 Weather: इस बार मार्च में ही बनेंगे लू जैसे हालात, मध्य प्रदेश में 15% गिर जाएगा गेहूं का उत्पादन

मौसम से जुड़ी खबर मध्य प्रदेश से है। देश में गेहूं के प्रमुख उत्पादक एमपी के किसानों के लिए मौसम विभाग ने चिंता वाली खबर दी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, समय से पहले फसल पकने के कारण गेहूं का दाना पतला रह जाएगा।

HighLights

  1. खेतों में अभी गेहूं की फसल हरी, दाना परिपक्व नहीं
  2. तापमान बढ़ने पर समय से पहले पकने की आशंका
  3. एक्सपर्ट्स की सलाह- अब किस्म बदलने का समय

भोपाल : मौसम का सबसे बड़ा ग्राहक किसान होता है। मौसम जब मौज में होता है, तो किसानों का मन प्रफुल्लित हो उठता है। मौसम का मिजाज बिगड़ने का सीधा प्रभाव भी सबसे पहले किसान पर ही होता है। मौसम विभाग ने मार्च में ही लू जैसे हालात बनने की चेतावनी दी है। आशंका है कि अगर मार्च में ही इतनी गर्मी बढ़ी तो गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे गेहूं का उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।

अच्छी पैदावार की उम्मीदों पर फिर सकता है पानी

  • भोपाल के ग्राम सलैया निवासी कामता पाटीदार ने बताया कि उन्होंने विदिशा जिले के ग्राम दुलई में अपनी 50 एकड़ जमीन में गेहूं की बोवनी की है। धान की फसल लेने के कारण बोवनी जनवरी में हो सकी थी। अभी खेत में गेहूं की हरी फसल खड़ी है। अब बढ़ती धूप देखकर फसल के जल्दी पकने की आशंका है।
  • खजूरीकला के किसान मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि जनवरी में ठीक ठाक ठंड पड़ने के कारण इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन हरी फसल के दौरान धूप के तीखे तेवर देखकर अरमानों पर पानी फिरता दिख रहा है।
  • मध्य प्रदेश के किसानों ने वर्ष 2024-25 के रबी सीजन में 138.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल लगाई है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा गेहूं का है। सामान्य मौसम में सरकारी एजेंसियों ने इस साल 80 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है।

दाना पतला पड़ने से पैदावार प्रभावित होगी

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान धान की खेती की तरफ बढ़ा है। धान की कटाई दिसंबर तक होने के कारण गेहूं की बोवनी भी देरी से हो पाती है। इस वजह से अभी गेहूं की फसल हरी है। यह समय दाना के परिपक्व होने का है। तापमान बढ़ने के कारण फसल जल्दी पकने लगेगी। इससे गेहूं का दाना पतला रह जाएगा। इससे गेहूं के उत्पादन में भी 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट होने की संभावना है। – डॉ. जीएस कौशल, पूर्व संचालक, कृषि विभाग, भोपाल

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button