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शादी के 6 साल बाद टीचर पत्‍नी, दो बच्‍चों से कहा धर्म बदलो, घर से फेंक दी भगवान की मूर्तियां

एक आदमी ने अपनी पत्नी को ईसाई धर्म अपनाने फिर से दबाव बनाया। महिला ने जब मना किया तो उसने बेल्ट से मारपीट की। साथ ही उसके घर में टंगी भगवान की तस्वीर और मूर्तियों को बाहर फेंक दिया। इससे परेशान महिला ने इसकी जानकारी आसपास के लोगों को दी। इसके बाद उसने हिंदू संगठन से जुड़े लोगों के साथ सिविल लाइन थाने पहुंची।

HighLights

  1. मतांतरण के लिए पत्नी व बच्चों पर बनाया दबाव।
  2. पत्नी ने सिविल लाइन थाने में दर्ज की शिकायत।
  3. पति के खिलाफ जुर्म दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस।

बिलासपुर। शादी के छह साल बाद शिक्षिका पत्नी और अपने दो बच्चों को मतांतरण के लिए दबाव बना रहा था। इससे परेशान होकर शिक्षिका मायके आ गई। इधर, ससुराल पहुंचकर पति ने महिला की बेल्ट से जमकर पिटाई कर दी और घर में रखी भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों को फेंक दिया। इससे परेशान होकर महिला ने घटना की शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। पुलिस ने पुलिस ने छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

यह है पूरा मामला

  • सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाली महिला ने बताया कि वह सरकारी स्कूल में टीचर हैं। 2016 में उसकी शादी कवर्धा में रहने वाले दुर्गेश लांझी से हुई थी।
  • शादी के बाद महिला को पता चला कि उसका पति का ईसाई धर्म में झुकाव है। वह हर रविवार को प्रार्थना सभा में शामिल होता है।
  • शुरू में वह अपनी पत्नी को कुछ नहीं कहता था। इससे महिला को कोई परेशानी नहीं थी।
  • बाद में धीरे-धीरे पत्नी से ईसाई धर्म के बारे में बात करने लगा। बाद में उसने ईसाई धर्म अपनाने की बात कहने लगा।

  • जब उसने ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस बीच महिला के दो बच्चे भी हो गए। जब उसने बच्चों को ईसाई धर्म की बातें बताने लगा तो महिला परेशान हो गई।
  • करीब एक साल पहले महिला उसकी हरकतों से तंग आकर मायका आ गई। इस बीच उसका पति बीच-बीच में बिलासपुर आने लगा।
  • यहां पर भी उसने अपनी पत्नी को ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। महिला ने जब इन्कार कर दिया तो उसने मारपीट की।
  • सोमवार को भी आरोपित दुर्गेश बिलासपुर आया था। पुलिस ने छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

भगवान की पूजा को बताता है शैतान की पूजा

आरोपित पति पहले हिंदू धर्म को मानता था। 2016 में महिला शिक्षिका से उसकी शादी हिंदू रीति रिवाज से हुई थी। शादी के कुछ साल बाद ही उसका झुकाव ईसाई धर्म की ओर होने लगा। अपने दोनों बच्चों को भी वह ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डालता था। उसका कहना है कि हिंदू धर्म में भगवान की पूजा करना यानी शैतान की पूजा करना है।

सकरी क्षेत्र में सक्रिय हैं मतांतरण कराने वाले

  • इसके पहले सकरी क्षेत्र में रहने वाले निगम कर्मी ने अपनी पत्नी और ससुरालवालों के खिलाफ मतांतरण के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
  • कुछ दिन पहले सकरी क्षेत्र में रहने वाले निगम कर्मी ने बताया कि उसकी पत्नी और ससुराल वाले ईसाई धर्म को मानने लगे।
  • साथ ही उन्होंने निगमकर्मी पर मतांतरण करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर उसने पूरे मामले की शिकायत सकरी थाने में की। इस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

ये क्षेत्र हैं संवेदनशील

जिले के सिरगिट्‌टी, पचपेड़ी, बेलगहना, रतनपुर, सीपत, चिंगराजपारा, चांटीडीह, सकरी, हाफा, मोपका, घुरू, तिफरा मन्नाडोल, मस्तूरी, लखराम, हरदीकला टोना सहित शहर के स्लम एरिया में मतांतरण का खेल चल रहा है। मिशनरी संस्था से जुड़े लोग इन जगहों में प्रार्थना सभा कराते हैं, जिसकी आड़ में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।

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