काम की खबर: ठगी का शिकार होने पर तत्काल 1930 पर करें फोन… दो मिनट में फ्रीज हो जाएगा ठग का खाता
साइबर अपराधों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में प्रभावी काम किया जा रहा है। यहां हर थाने में 1930 सेवा शुरू की गई है और ठगों के चंगुल से छुड़ा कर आम लोगों तक उनकी खून-पसीने कमाई पहुंचाई जा रही है।

साइबर हेल्पलाइन का मुख्यालय नवा रायपुर में है।
HighLights
- अब तक 10 करोड़ रुपए खातों में होल्ड करवाए जा चुके
- कानूनी कार्रवाई कर पीड़ित हासिल कर सकता है राशि
- जानिए पूरा प्रोसेस, पुलिस से कोर्ट तक कैसे पहुंचता है केस
रायपुर। अगर साइबर ठगों ने किसी भी तरीके से आपके बैंक खाते से रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए हैं, इसके बाद आपको ठगे जाने का एहसास हो रहा है, तो घबराएं नहीं। साइबर हेल्पलाइन 1930 को फोन करें और इसकी शिकायत दर्ज कराएं।यहां दो मिनट में ही आपको मदद मिलेगी। जिस खाते में आपका पैसा गया है, उसे फ्रीज कर दिया जाएगा, जिससे आपका पैसा बच जाएगा। इसे फिर अदालती कार्रवाई के माध्यम से आप वापस ले सकेंगे।
जिले के सभी थानों में सेवा, हेडक्वार्टर रायपुर में
- यह सेवा रायपुर जिले के सभी थानों में है, जिसका मुख्य केंद्र पुलिस हेड क्वार्टर नवा रायपुर से संचालित हो रहा है। थाने से लेकर फोन में यह सुविधा शुरू होने से 1930 का रिस्पांस टाइम बहुत कम हो गया है।
- तीन शिफ्टों में साइबर क्राइम रोकथाम के प्रशिक्षित पुलिसकर्मी इस सेवा में तैनात हैं। पहले पुलिसकर्मियों के पास कॉल आता था कि ऑनलाइन ठगी हो गई है, पैसा खाते से ट्रांसफर हो गया है।
- अब पीड़ित काल करके सीधे पैसा होल्ड कराने के लिए कहते हैं। जिले में 33 थाने हैं। इसमें पिछले कुछ माह में ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल खातों को फ्रीज करवाकर 10 करोड़ रुपये होल्ड करवाए जा चुके हैं।
जानिए कैसे वापस ले सकते हैं होल्ड की गई रकम
जैसे ही ऑनलाइन ठगी की वारदात हुई, तुरंत 1930 पर कॉल करें। इससे ठगी करने वाले का खाता फ्रीज कर आपका पैसा होल्ड पर डाल दिया जाएगा।
कॉल करते ही संबंधित थाना पुलिस के पास शिकायत पहुंचेगी। यहां से पुलिस, पीड़ित से संपर्क करेगी।
पीड़ित को थाने आकर एफआईआर दर्ज करानी होगी। इसके बाद पुलिस जांच करेगी। खाता फ्रीज कर होल्ड की गई राशि को वापस लेने के लिए पीड़ित को कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र पेश करना होगा।
कोर्ट, थाने से उक्त मामले की रिपोर्ट लेगा। फिर बैंक को आदेश कर होल्ड की गई राशि पीड़ित को लौटाने के लिए कहा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा।
छोटे अमाउंट की सबसे ज्यादा ठगी
गांवों में साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि ऑनलाइन ठगी के छोटे अमाउंट के मामले गांवों से ज्यादा सामने आ रहे हैं। गांवों में जागरूकता की कमी है, इस वजह से ऐसा हो रहा है।
लापरवाही महंगी पड़ सकती है
जिसका खाता फ्रीज करवाया गया है, वो भी खाता वापस चालू करवाने के लिए बैंक से संपर्क करता है। देशभर में लाखों बैंक हैं, ऐसे में यदि आप राशि होल्ड करवाने के बाद अग्रिम कार्रवाई में देरी करते हैं तो हो सकता है कि बैंक उक्त व्यक्ति का खाता वापस शुरू कर दे और आपसे ठगी गई राशि किसी शहर से विड्रॉल हो जाए।
वेटिंग टाइम समाप्त
साइबर हेल्पलाइन 1930 सेवा शुरू होने के बाद से इस नंबर पर वेटिंग टाइम समाप्त हो गया। ऑनलाइन ठगी का पीड़ित जैसे ही इस नंबर पर कॉल करता है, केवल दो मिनट में पुलिसकर्मी उससे बात करते ही पैसा होल्ड करवा देते हैं। साइबर क्राइम की वारदातें तो रिकार्ड की जा रही हैं, लेकिन ऐसे मामलों में काफी गिरावट आई है।
इधर, 1930 पर कॉल करके ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज करवाने वाले कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें पीड़ित संबंधित थाने जाकर एफआईआर दर्ज नहीं करवाता। ऐसे में होल्ड की गई राशि मिलने में देरी हो रही है।