अपराधछत्तीसगढ़

शादी से बुलाकर पत्नी का कत्ल, लाश पर एंटीमॉर्टम जख्म… एक तस्वीर ने ऐसे खोला खूनी साजिश का राज I

वो सिर्फ चार साल की बच्ची है. इस उम्र में अक्सर बच्चे कागज, कलम या पेसिंल उठाकर कुछ आड़ी-तिरछी तस्वीरें बनाते हैं. तस्वीर उकेरी है, शायद ही इससे पहले कभी इसकी उम्र के किसी बच्चे ने ऐसी तस्वीर बनाई होI

Sonali Murder Case Disclosure: चार की साल की बच्ची के सामने उसके पिता ने उसकी मां का कत्ल कर रहा था. बच्ची डरी सहमी सी खामोशी के साथ सबकुछ देख रही थी ,उसने देखा कि उसका पिता उसकी मां का कत्ल करने के बाद उसके गले में फंदा डालता है. फिर उसे छत में लगे पंखे से लटकाता है. इसके बाद पुलिस आती है. बच्ची का  पिता पुलिस को बयान देता है कि उसकी पत्नी ने खुदकुशी कर ली. लेकिन वो चार साल की बच्ची फिर एक तस्वीर बनाती है, और इस हत्याकांड का पूरा सच सामने आ जाता है.I

कई बार खुद कानून पर गुस्सा आता है. कानून रोक रहा है कि मासूम बच्ची का चेहरा आपको ना दिखाएं. मगर उस बच्ची की मासूमियत देखकर कलेजा फट रहा है. ऐसा लगताकि कानून को किनारे रखकर उसकी पूरी मासूमियत आपको बताएं और दिखाएं. लेकिन कानूनी मजबूरी है कि हम ऐसा कर नहीं सकते. I

मासूम बच्ची ने बनाई लाइव मर्डर की तस्वीर

वो सिर्फ चार साल की बच्ची है. इस उम्र में अक्सर बच्चे कागज, कलम या पेसिंल उठाकर कुछ आड़ी-तिरछी तस्वीरें बनाते हैं. लेकिन उस बच्ची ने एक कागज पर जो जो तस्वीर उकेरी है, शायद ही इससे पहले कभी इसकी उम्र के किसी बच्चे ने ऐसी तस्वीर बनाई हो. वो बच्ची एक ऐसे लाइव मर्डर की तस्वीर बना रही थी, जिसे उसने अपनी आंखों से देखा था. सबसे पहले इस तस्वीर को बेहद गौर से देखें तो वो कुछ अलग लगती है. असल में वो तस्वीर उस बच्ची की मां की है. सरसरी निगाहों से सरसरी निगाहों से देखेंगे तो उस तस्वीर में  कुछ भी आपको खास दिखाई नहीं देगा.I

तस्वीर में मम्मी के गर्दन के करीब तीसरा हाथ I

पर अब हम आपको बताते हैं कि बच्ची की बनाई तस्वीर में अलग क्या है? उस तस्वीर में बच्ची ने अपनी मां के दोनों हाथ बराबर बनाए हैं. लेकिन मां की गर्दन की दाईं तरफ उसने एक और हाथ बनाया है. ये तीसरा हाथ है. पर सिर्फ हाथ है. कोई चेहरा नहीं. जानते हैं उस बच्ची ने ये तीसरा हाथ किसका बनाया है. अपने पापा का पर उसने अपने पापा का हाथ अपनी मम्मी के गर्दन के करीब ही क्यों बनाया? तो जवाब है कि उसने अपनी आंखों से जो कुछ लाइव देखा था उसमें तीसरा हाथ, यानि उसके पापा का हाथ कुछ इसी अंदाज में उसकी मां की गर्दन पर था.I

अपनी मां के कत्ल की चश्मदीद बन गई मासूम I

जी हां, उस बच्ची के पापा ने इस बच्ची मम्मी को कुछ इसी अंदाज में पहले गला घोंट कर मारा और फिर इस कत्ल को खुदकुशी का रंग देने के लिए उसके गले में फंदा डालकर उसे पंखे से लटका दिया. पर इत्तेफाक से ये बच्ची अपने ही पापा के हाथों अपनी ही मम्मी के कत्ल की चश्मदीद बन गई थी. उस बच्ची की बनाई एक तस्वीर ने ही एक ऐसे कत्ल का खुलासा कर दिया जिसे इस तस्वीर के बनने से पहले एक खुदकुशी का रंग दिया जा रहा था. I

मासूमियत से सुनाई दर्दनाक कहानी

उस बच्ची ने ना सिर्फ ये तस्वीर बनाई बल्कि इस तस्वीर की कहानी उसी मासूमियत से सुनाई. वैसे भी भला 4 साल की उम्र होती ही क्या है. कम से कम इतनी तो नहीं होती कि चार साल का कोई बच्चा या बच्ची लालच, साजिश, नफरत कत्ल या मौत की सच्चाई को उसी सच्चाई से समझ सके. इसीलिए जिस वक्त ये इस तस्वीर की कहानी सुना रही होती है उसके मासूम चेहरे पर उसकी मासूमियत के अलावा और कुछ होता ही नही है I

मासूम बच्ची ने किया मां का अंतिम संस्कार
अब बात एक और तस्वीर की. जिसमें एक चिता है और उस चिता पर कोई और नहीं उसी बच्ची की मम्मी लेटी है. इस वक्त बच्ची की इतनी समझ भी नहीं होगी कि ये क्या करने जा रही है. पर उस वक्त उसने जो किया है, जब बड़ी होकर इस सच्चाई को समझ जाएगी तो शायद पूरी जिंदगी खुद को इस गम से कभी उबार नहीं पाएगी. भला चार साल की मासूम उम्र में कौन बच्ची अपनी मम्मी की चिता को आग देती है. पर उस बच्ची ने ऐसा किया है. फिर खुद ही बताया भी कि उसने ऐसा क्यों किया I

मेडिकल रिप्रजेंटटेटिव है आरोपी संदीप बुधौलिया
ऊपर वाला भी कैसे कैसे इम्तिहान लेता है. जिस बच्ची को अंतिम संस्कार बोलना तो छोड़िए शायद उसका मतलब तक पता नहीं वो किस मासूमियत से बता रही है कि पापा इसलिए मैंने मम्मी का अंतिम संस्कार किया. यकीन मानिए श्मशान में ये मंजर देखकर हरेक की आंखे नम थी. जिस पापा के हाथ की उसने तस्वीर बनाई थी, जिस पापा के के ना आने की वजह से इस उम्र में इसे अपनी मम्मी का अंतिम संस्कार करना पड़ा और जिस पापा की वजह से उसकी मम्मी चिता पर लेटी, वो शख्स है झांसी का  संदीप बुधौलिया. यानी बच्ची का पिता. वो एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रजेंटटेटिव है I

सोनाली पर लगातार अत्याचार करता था संदीप

27 फरवरी 2019 को सोनाली और संदीप की शादी हुई थी. सोनाली मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की रहने वाली थी. शादी पर सोनाली के पिता ने संदीप को 20 लाख रुपए थे लेकिन संदीप को 20 लाख के अलावा गाड़ी भी चाहिए थी. अब जो रिश्ता ही लालच की बुनियाद पर टिका हो वो कब तक टिकता. शादी के बाद से ही लालची ससुराल वालों ने सोनाली को तंग करना शुरु कर दिया. तीन साल जैसे तैसे गुजरे फिर तीसरे साल सोनाली ने एक बेटी को जन्म दिया जो आज चार साल की उम्र में ही शायद खुद से बहुत

बहुत बड़ी हो चुकी है.

17 फरवरी को संदीप ने दी मौत की खबर
इसी 14 फरवरी को सोनाली के मामा के बेटे की शादी थी. सोनाली अपनी बेटी के साथ 12 फरवरी को शादी में गई थी. शादी के एक दिन बाद ही 16 फरवरी को संदीप ने फोन कर सोनाली से कहा कि वो आज ही घर लौट आए वरना फिर कभी घर नहीं आए. पति की धमकी पर सोनाली 16 फऱवरी को ही घर लौट आई. इसके बाद 17 फरवरी की सुबह संदीप ने अपने ससुराल फोन कर बताया कि सोनाली ने खुदकुशी कर ली है.

बच्ची ने नाना-नानी को बताई पूरी कहानी

ये सुनते ही बदहवास मां-बाप झांसी पहुंचे. वहां उन्हें बताया गया कि सोनाली ने आए दिन के झगड़े से तंग आकर पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली. संदीप ने पुलिस को भी यही बयान दिया था. लेकिन तभी नाना-नानी के घर आते ही चार साल की मासूम ने उन्हें वो सारी कहानी सुना दी जो उसने अपनी आंखों से देखी थी. इसी कहानी को सुनाने के दौरान अचानक उसने अपनी कॉपी का पन्ना उठाया और तस्वीर बनाने लग गई और अब उसी तस्वीर के जरिए वो अपने नाना-नानी को सारी कहानी बताने लगी कहानी सुनते ही बच्ची के नाना-नानी और दूसरे रिश्तेदारों ने फौरन पुलिस को इसकी जानकारी दी.

लाश पर मिले एंटीमॉर्टम जख्म
इधर, तब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ था कि सोनाली की मौत फंदा कसने से हुई लेकिन मौत से पहले के कुछ एंटीमॉर्टम जख्म भी थे. एंटीमॉर्टम जख्म वो होते हैं, जो किसी जिंदा शख्स को दिए जाते हैं. अब पुलिस ने बच्ची से भी पूछताछ की क्योंकि वो अपनी मम्मी के कत्ल की चश्मदीद थी बच्ची ने भी पुलिस वाले अंकल को वही तस्वीर दिखाई और वही कहानी सुनाई. इसी के बाद पुलिस ने कत्ल के इल्जाम में संदीप को गिरफ्तार कर लिया और उसके घरवालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर लिया.

वारदात के वक्त जाग रही थी मासूम
शुरुआती तफ्तीश के मुताबिक 16 फरवरी की रात को  ही संदीप ने सोनाली को बुरी तरह पीटा था. इसके बाद गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी थी. फिर हत्या को खुदकुशी का रंग देने के लिए उसने लाश को पंखे से लटका दिया था. तब संदीप को लगा था कि उसकी चार साल बेटी सो रही है लेकिन ये मासूम डरी सहमी सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी और वही देखी हुई चीज इसने इस कागज पर उतार दिया.I

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