Bihar Bhumi Survey: दादा-परदादा के खतियान निकालने में छूट रहे पसीने, केवाला-वंशावली के लिए भी भटक रहे लोग

बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 के मद्देनजर जमीन मालिकों (Bihar Bhumi Survey) में अपने दादा-परदादा के खतियान निकालने की होड़ मची हुई है। दरभंगा जिला अभिलेखागार में प्रतिदिन 1400 से 2000 खतियान के चिरकुट दाखिल हो रहे हैं। पुराने जमाने के लाखों अभिलेखों के होने के कारण लोगों को अपने पूर्वजों के नाम का खतियान खोजने में काफी परेशानी हो रही है।
HIGHLIGHTS
- पिछले तीन-चार दिनों में 5000 से अधिक खतियान के नकल के लिए फॉर्म भरे गए हैं।
- जमीन सर्वे का काम शुरू होने से जिला अभिलेखागार पर दबाव बढ़ गया है।
- जिला अभिलेखागार के 10 लाख फोल्डर का डिजिटलाइजेशन हो चुका है।
दरभंगा। Bihar Bhumi Survey 2024 लगातार बढ़ते भूमि विवाद और इससे उपजी आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने और सही व्यक्ति को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए सरकार ने राज्य में विशेष भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) का काम शुरू किया है। इसमें जमीन मालिकों से खतियान, लगान रसीद, जमीन रजिस्ट्री दस्तावेज के साथ वंशावली लेना अनिवार्य है।
जिसे लेकर लोगों में कागजात जुटाने की होड़ लगी हुई है। हर काम को छोड़कर लोग राजस्व कर्मचारी से लेकर जिला मुख्यालय तक दौड़ लगा रहे हैं। अंचल कार्यालय में जहां रसीद कटाने की भीड़ लगी रहती है। वहीं, अभिलेखागार में बाप-दादा-परदादा के खतियान निकालने लिए लोगों का पसीना छूट रहा है।