जय शाह के एक्शन का असर! अब दलीप ट्रॉफी खेलेंगे ईशान किशन और श्रेयस अय्यर
श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दोनों अब दलीप ट्रॉफी में हिस्सा ले रहे हैं। टूर्नामेंट की शुरुआत 5 सितंबर से होगी। BCCI सचिव जय शाह ने कहा कि दोनों खिलाड़ियों ने BCCI की कठोर कार्रवाई के बाद यह निर्णय लिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में एक फरमान जारी किया था। इसके तहत सभी केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना होगा।
- केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को खेलना होगा घरेलू क्रिकेट
- ईशान और श्रेयस ने घरेलू क्रिकेट को किया नजरअंदाज
- दलीप ट्रॉफी की शुरुआत 5 सितंबर से होगी
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में एक फरमान जारी किया था। इसके तहत सभी केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना होगा। अगर प्लेयर फिट है और नेशनल ड्यूटी पर नहीं है तो उसे डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा।
इस साल की शुरुआत में ईशान किशन और श्रेयस अय्यर ने घरेलू क्रिकेट को नजर अंदाज किया था। ऐसे में उन्हें बोर्ड के गुस्से का सामना करना पड़ा था। दोनों ही प्लेयर्स को केंद्रीय अनुबंध से हाथ धोना पड़ा था।
श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दोनों अब दलीप ट्रॉफी में हिस्सा ले रहे हैं। टूर्नामेंट की शुरुआत 5 सितंबर से होगी। BCCI सचिव जय शाह ने कहा कि दोनों खिलाड़ियों ने BCCI की कठोर कार्रवाई के बाद यह निर्णय लिया है। TOI से बातचीत में जय शाह ने कहा, “अगर आप दलीप ट्रॉफी टीम पर नजर डालें तो रोहित शर्मा और विराट कोहली के अलावा बाकी खिलाड़ी खेलेंगे। यह मेरे द्वारा उठाए गए कठोर कदमों के कारण है कि श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दलीप ट्रॉफी खेल रहे हैं।”
फिटनेस साबित करनी होगी
जय शाह ने कहा, “हम थोड़ा सख्त रहे हैं। जब रवींद्र जड़ेजा घायल हो गए थे, तो मैंने ही उन्हें फोन किया था और घरेलू मैच खेलने के लिए कहा था। अब यह तय है कि जो भी चोटिल होकर बाहर जाएगा, वह घरेलू क्रिकेट में अपनी फिटनेस साबित करने के बाद ही भारतीय टीम में आ सकता है।”
अपने खिलाड़ियों का सम्मान करें
जय शाह ने कहा, “विराट कोहली और रोहित शर्मा को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कहकर उनका बोझ बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। उनके चोटिल होने का खतरा है। आपको इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया टीम को भी देखने की जरूरत है। उनका कोई भी टॉप खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलता है। हमें अपने खिलाड़ियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए न कि उनके साथ नौकरों जैसा व्यवहार करना चाहिए।”