Bihar Sharab Bandi: प्रशांत किशोर बोले- ‘बिहार में हमारी सरकार बनी, तो 15 मिनट में हटा देंगे शराबबंदी’

बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में शराबबंदी भी एक बड़ा मुद्दा होगा। नीतीश कुमार के विरोधियों ने अभी से उन्हें इस पर घेरना शुरू कर दिया है। बिहार में बढ़ते अपराध के पीछे भी शराबबंदी कानून की नाकामी बताई जा रही है।
HIGHLIGHTS
- प्रशांत किशोर ने जमुई की सभा में बताई अपनी रणनीति
- महात्मा गांधी का उदाहरण देकर लोगों को समझाया
- शराबबंदी को कानून बनाकर बैन नहीं किया जा सकता है
ब्यूरो, पटना (Bihar Political News)। बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले सियासी घमासान शुरू हो गया है। ताजा खबर यह है कि प्रदेश में शराबबंदी पर प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है।
जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने जमुई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी को बहुमत मिला, तो सरकार बनने के 15 मिनट के अंदर शराबबंदी (Bihar Sharab Bandi) हटा देंगे।
प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति को स्पष्ट करते हुए आगे कहा, शराबबंदी को कानून बनाकर बैन नहीं किया जा सकता है। महात्मा गांधी भी इस तरह शराबबंदी के पक्ष में नहीं था। बापू ने शराबबंदी को सामाजिक प्रयास के तौर पर बताया था।
Bihar Sharab Bandi: बिहार शराबबंदी पर और क्या बोले प्रशांत किशोर
- प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार में नाममात्र की शराबबंदी है। यह नीतीश सरकार का ई-कॉमर्स मॉडल है।
- प्रशांत किशोर के अनुसार, पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें बंद हैं, लेकिन होम डिलीवरी की सुविधा चालू है।
- उनके मुताबिक, बिहार में शराबबंदी एक धंधा बना गया है। गांव-गांव में लड़के शराब के धंधे में उतर गए हैं।
- किसी को पुलिस का खौफ नहीं है। शराबबंदी कानून सही नहीं होने से बच्चों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
बिहार में शराबबंदी का इतिहास
नीतीश सरकार ने 1 अप्रैल 2016 में बिहार में शराबबंदी की घोषणा की थी। हालांकि, हर साल जहरीली शराब से लोगों के मरने की खबरें आती रही हैं। आरोप है कि शराबबंदी सरकारी कागजों पर लागू है, लेकिन चोरी-छिपे इसका धंधा हो रहा है। वहीं, बिहार में कानून व्यवस्था बिगड़ने के पीछे भी यही कारण बताया जा रहा है।