
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को महतारी वंदन योजना को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने योजना में मिलने वाली राशि में कटौती का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
योजना की राशि में कटौती का आरोप।
प्रश्नकाल के दौरान खरसिया से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार से पूछा कि *60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को योजना के तहत कितनी राशि दी जा रही है।* उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वृद्धा पेंशन की राशि में कटौती कर रही है, जिससे लाभार्थी महिलाओं को पूरा लाभ नहीं मिल रहा। इसके जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने स्पष्ट किया कि *महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये दिए जा रहे हैं।* जिन महिलाओं को पहले से वृद्धा पेंशन के रूप में 500 रुपये मिलते हैं, उन्हें अंतर की राशि का भुगतान किया जाता है।
सरकार पर धोखे का आरोप।
पटेल ने सरकार पर बुजुर्ग महिलाओं के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि योजना का लाभ सही तरीके से नहीं दिया जा रहा है और वास्तविक लाभार्थियों तक पूरी राशि नहीं पहुंच रही। विपक्ष ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और बाद में सदन से वॉकआउट कर दिया।
उपमुख्यमंत्री का विपक्ष पर पलटवार।
विपक्ष के हंगामे पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा,जो खुद 500 रुपये नहीं दे सके, वे अब सवाल उठा रहे हैं। वन मंत्री केदार कश्यप ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार खुद इस योजना को लागू करने में विफल रही थी।
69 लाख से अधिक महिलाओं को मिल रहा लाभ।
विधायक उमेश पटेल ने पूछा कि योजना के तहत कितनी महिलाओं को लाभ मिल रहा है और कितनी महिलाओं की राशि काटी गई है। इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि पहले चरण में 70.27 लाख महिलाओं ने पंजीकरण कराया था, जबकि वर्तमान में 69.63 लाख महिलाएं योजना का लाभ उठा रही हैं। लाभार्थियों की संख्या में कमी मृत्यु, डुप्लीकेट पंजीयन और अपात्रता के कारण हुई है।
निष्कर्ष।
महतारी वंदन योजना को लेकर विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। जहां सरकार इसे महिलाओं के लिए लाभकारी योजना बता रही है, वहीं विपक्ष ने इसे बुजुर्ग महिलाओं के साथ अन्याय करार दिया है।