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बिजली कंपनी को 4,500 करोड़ का घाटा, उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा अतिरिक्त भार।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही महंगी बिजली का सामना करना पड़ सकता है। राज्य पावर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग में याचिका दायर कर 4,500 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला दिया है और इस नुकसान की भरपाई के लिए नया टैरिफ लागू करने की सिफारिश की है।

जनसुनवाई के बाद होगा फैसला।

पावर कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, अभी तक जनसुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन मार्च के अंत तक इसके होने की संभावना है। इसके बाद ही नया टैरिफ तय किया जाएगा। पावर कंपनी हर साल दिसंबर में नियामक आयोग को नए टैरिफ के लिए प्रस्ताव भेजती है, जिसमें केवल अपना वित्तीय लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। अंतिम फैसला नियामक आयोग ही करता है।

2024-25 में भी हुई थी दरों में वृद्धि।

पिछले साल भी बिजली दरों में 20 से 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई थी। हालांकि, तब प्रदेश सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये की सहायता दी थी, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा भार नहीं उठाना पड़ा। इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही हैं, जिससे 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि संभावित है। अगर सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है, तो दरों में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।

आंकड़ों में समझें घाटे की स्थिति।

वर्ष 2025-26 में पावर कंपनी 24,652 करोड़ रुपये की बिजली बेचेगी, जबकि उसका खर्च 23,082 करोड़ रुपये होगा। इस तरह उसे 1,570 करोड़ रुपये का लाभ होगा। 2023-24 अनुमान से 6,130 करोड़ रुपये कम मिले, जिससे घाटा बढ़ा। अंतर 1,570 करोड़ रुपये के लाभ को घटाने के बाद भी 4,560 करोड़ रुपये का घाटा बचता है, जिसके लिए टैरिफ बढ़ाने की मांग की गई है।
अगर आयोग टैरिफ बढ़ाने की मंजूरी देता है, तो आम उपभोक्ताओं को इस साल भी महंगी बिजली का झटका लग सकता है।

 

 

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