
रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकानों को फ्री होल्ड करने का मामला गरमाया। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सरकार से सवाल किया कि प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड के मकानों को फ्री होल्ड करने की प्रक्रिया अब तक पूरी क्यों नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि रायपुर, भिलाई और दुर्ग सहित कई शहरों में लोग लंबे समय से फ्री होल्ड के लिए भटक रहे हैं, लेकिन कृषि भूमि को आवासीय घोषित न किए जाने के कारण प्रक्रिया अटकी हुई है। विधायक मूणत ने सरकार को घेरते हुए कहा कि 4 दिसंबर 2024 को कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और मामला राजस्व विभाग को भेजा गया था। लेकिन तीन महीने बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि कैबिनेट में लिए गए फैसले को अधिकारी अमल में नहीं लाते, तो क्या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक लाया जाएगा, जिसमें फ्री होल्ड का विषय शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही राजस्व विभाग और हाउसिंग बोर्ड के सचिवों की बैठक होगी, जिससे प्रक्रिया में तेजी आएगी। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि अगले विधानसभा सत्र से पहले यह मामला सुलझा लिया जाएगा।
फ्री होल्ड को लेकर हजारों लोग परेशान हैं, ऐसे में सरकार का यह आश्वासन लोगों के लिए राहत भरी खबर हो सकती है। अब सभी की नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।