धरसींवा विधायक ने गौरी गणेश इस्पात संयंत्र के मुख्य द्वार पर उठाई आपत्ति, उद्योग मंत्री ने दी सफाई।

रायपुर। धरसींवा क्षेत्र के ग्राम मढ़ी में स्थित गौरी गणेश इस्पात संयंत्र के मुख्य द्वार निर्माण को लेकर विधायक अनुज शर्मा ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन का ध्यान आकर्षित किया है। विधायक शर्मा ने आशंका जताई कि संयंत्र का मुख्य द्वार समीपस्थ शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मढ़ी की पढ़ाई को प्रभावित कर सकता है।मंत्री देवांगन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि संयंत्र का मुख्य द्वार और स्कूल का गेट विपरीत दिशाओं में स्थित हैं। खरोरा तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर ग्रामीणों की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। निरीक्षण में पाया गया कि संयंत्र की बाउंड्रीवाल स्कूल से लगभग 200 मीटर और संयंत्र स्वयं लगभग 500 मीटर की दूरी पर है।गौरतलब है कि संयंत्र के मुख्य द्वार निर्माण पर ग्राम सभा ने आपत्ति दर्ज की थी, जिसके बाद राजस्व निरीक्षक मंडल बंगोली ने 19 फरवरी 2024 को स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण में पुष्टि हुई कि मुख्य द्वार भूमिस्वामी की भूमि पर ही बनाया जा रहा है और स्कूल का गेट दूसरी दिशा में है। इस आधार पर खरोरा तहसीलदार ने आपत्ति को खारिज कर दिया। उद्योग मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए 30 मार्च 2022 को ग्राम मढ़ी में लोक सुनवाई आयोजित की गई थी। इसके पश्चात पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 10 फरवरी 2023 को इकाई स्थापना की सहमति दी।
पर्यावरण संरक्षण के तहत छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने जारी किया संयंत्र स्पंज आयरन के लिए गाइडलाइन।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने 11 अक्टूबर 2023 को स्थापना सम्मति (सीटीई) और 6 जनवरी 2025 को संचालन सम्मति (सीटीओ) जारी की। पर्यावरण संरक्षण के तहत, संयंत्र के स्पंज आयरन प्रभाग में 79 मीटर ऊंची चिमनी में ईएसपी स्थापित किया गया है, जबकि पावर प्लांट में 42 मीटर ऊंची चिमनी में ईएसपी लगाया गया है। धूल नियंत्रण के लिए जल छिड़काव की व्यवस्था की गई है। साथ ही, 23 एकड़ भूमि में लगभग 15,000 वृक्षारोपण किया गया है। दूषित जल के उपचार हेतु वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए गए हैं। मंत्री देवांगन ने स्पष्ट किया कि डीआरआई किल्न क्रमांक-1 का परीक्षण किया गया है, लेकिन वर्तमान में उत्पादन प्रारंभ नहीं हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने अभी तक इकाई को कोई वाणिज्यिक उत्पादन प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।