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बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में गूंजा जल जीवन मिशन एवं उद्योगों का मुद्दा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन आज जल जीवन मिशन और उद्योगों से जुड़े मुद्दों पर जोरदार बहस हुई। विपक्ष ने सरकार के जवाबों से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट कर दिया।

सदन में जल जीवन मिशन पर विपक्ष ने किया जमकर हंगामा।

प्रश्नकाल के दौरान कांकेर जिले के गांवों में जल संकट और जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सवाल खड़े किए। विधायक सावित्री मंडावी ने आरोप लगाया कि कई गांवों में पानी की टंकियां बना दी गई हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने जवाब दिया कि अब तक 355 गांवों में नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं और 84 गांवों में पानी की आपूर्ति जारी है। सात गांवों में अभी कनेक्शन दिया जाना बाकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए पूछा कि पानी पहुंच रहा है या नहीं, इसका स्पष्ट जवाब दिया जाए। इस पर साव ने दोहराया कि 84 गांवों में पानी की आपूर्ति हो रही है। विपक्ष ने इस उत्तर को लेकर नाराजगी जाहिर की और कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

औद्योगिक नीति पर सरकार को घेरा।

सदन में औद्योगिक नीति को लेकर भी चर्चा हुई। विधायक महंत ने सरकार से पूछा कि राजनांदगांव में बीते एक साल में पांच उद्योग बंद हो चुके हैं, जिनका कारण वित्तीय संकट बताया गया है। सरकार ने उन्हें बचाने के लिए क्या कदम उठाए? इस पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि इन उद्योगों को सब्सिडी और ब्याज अनुदान के रूप में सहायता दी गई। उन्होंने कहा कि 2023 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी 18 उद्योग बंद हुए थे। हमारी सरकार उद्योगों को लाभ देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार का जवाब।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन में अनियमितताओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई जगहों पर जल स्रोत ही नहीं हैं, फिर भी टंकियां बना दी गईं और पाइपलाइन बिछा दी गई। उन्होंने इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। डिप्टी सीएम अरुण साव ने स्पष्ट किया कि जब तक कोई परियोजना पूरी नहीं होगी, 70% से अधिक भुगतान नहीं किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर जल स्रोत नहीं हैं और योजना अधूरी है, वहां संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विधायक धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार करने वाली कंपनियों का जिक्र करते हुए कहा कि बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर, केके नैयर और एक अन्य कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया है। उन्होंने मांग की कि इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इन कंपनियों को पूरी तरह बैन किया जाए। इस पर मंत्री साव ने कहा कि सरकार इस सुझाव पर विचार करेगी और जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।

 

सदन विपक्ष का लगातार विरोध जारी।

सदन में कांग्रेस विधायकों ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और पानी की समस्या को लेकर सरकार को घेरा। जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार विधायकों के सवालों का सही जवाब नहीं दे रही है। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में जल संकट और औद्योगिक नीति को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।

 

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