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छत्तीसगढ़ में बिना नोटिस तोड़ दिए पीएम आवास के घर, मदद के लिए पूर्व सीएम के पास पहुंचे इस गांव के लोग

छत्तीसगढ़ के गांव में प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों और कुछ निर्माणाधीन मकानों को बिना नोटिस के तोड़ दिया। इससे कई लोग बेघर हो गए हैं। गांववासियों ने इस कार्यवाही को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया है और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राहत की मांग की है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को क्रूरा गांव के कुछ लोगों ने पत्र लिखा है। उनका आरोप है कि कार्यवाहक सरपंच विष्णु कोशले ने उन्हें उनके PM आवास योजना के घरों से बेघर कर दिया है। गांव वालों का कहना है कि उनके निर्माणाधीन मकान भी तोड़ दिए गए। यह सब राजनीतिक द्वेष के कारण हुआ है। उन्होंने बघेल से मदद की गुहार लगाई है।

बिना सूचना के तोड़ दिए आवास

क्रूरा गांव के निवासियों ने बताया कि वे वहां 40-50 सालों से रह रहे हैं। कार्यवाहक सरपंच विष्णु कोशले और सचिव ने उन्हें सिर्फ़ तीन दिन का नोटिस दिया। नोटिस में उन्हें घर खाली करने को कहा गया। कुछ लोगों के PM आवास और निर्माणाधीन मकानों को बिना किसी पूर्व सूचना के तोड़ दिया गया। इस कार्रवाई में पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया गया। इसके चलते कई ग्रामीण बेघर हो गए हैं।

क्या लिखा है पत्र में?

ग्रामीणों ने पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कार्यवाहक सरपंच और सचिव ने राजनीतिक रंजिश के चलते यह कदम उठाया है। उन्होंने यह भी बताया कि PM आवास तोड़ने या अतिक्रमण हटाने के लिए न तो कोई ग्राम सभा बुलाई गई, न ही कोई प्रस्ताव पारित किया गया।

गांव वालों का कहना है कि ‘कार्यवाहक सरपंच विष्णु कोशले व सचिव के द्वारा नियम विरुद्ध एक ही नोटिस देकर 3 दिवस के भीतर खाली कर दो बोलकर प्रधान मंत्री आवास को व कुछ लोगो के निर्माणाधीन मकान को बिना नोटिस दिये ही पुलिस प्रशासन बल बुलाकर जबरदस्ती थोड़ दिया गया जिसे हम सभी ग्रामवासी बेघर हो गए है।’

वे आगे कहते हैं कि ‘कार्यवाहक सरपंच विष्णु कोशले व सचिव के द्वारा राजनितिक द्वेष को भुनाने के नियत से यह कार्यवाही किया गया है। जबकि अतिक्रमण या प्रधान मंत्री आवास को हटाने के सम्बन्ध में ग्राम पंचायत द्वारा ना ही ग्राम सभा किया गया है और ना ही पंचायत द्वारा कोई प्रस्ताव पारित किया गया है।

भूपेश बघेल से दखल देने की अपील

पीड़ित ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस मामले में दखल देने की अपील की है। उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘अतः महोदय जी से निवेदन है कि इस सम्बन्ध में उचित कार्यवाही कि सहायता कर राहत दिलाने कि अपार दया करे।

 

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