नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन, अब तक 12 ढेर; चार दिन के अभियान के बाद सुरक्षित लौटे जवान
छत्तीसगढ़ में जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ साल 2025 में अब तक की सबसे बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। जवानों ने 12 हार्डकोर आतंकियों को मार गिराया है। जवानों ने नक्सलियों के हथियार फैक्ट्री को नुकसान पहुंचाया है। इस हथियार फैक्ट्री में नक्सलियों ने भारी मात्रा में पाइप विस्फोटक सहित लेथ मशीन व अन्य उपकरण सुरंग के नीचे रखे थ।

नक्सलियों की हथियार फैक्ट्री ध्वस्त
मुठभेड़ के बाद जवानों ने बताया कि नक्सलियों ने अपने डेर में सुरंग खोदकर वहां हथियार की फैक्ट्री बना रखी थी। भारी मात्रा में पाइप, विस्फोटक सहित लेथ मशीन व अन्य उपकरण सुरंग के नीचे रखे थे, जहां वे हथियार बनाते थे। मुठभेड़ में इसी हथियार फैक्ट्री में तैयार एक राकेट लॉन्चर भी मिला है। नक्सलियों की इस फैक्ट्री व उपकरण को भी जवानों ने ध्वस्त कर दिया है।
दो दिनों का राशन लेकर निकले थे जवान
जानकारी दें कि बीजेपुर के वॉर रूम में बस्तर आईजीपी सुंदरराज पी., बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव, दंतेवाड़ा एसपी गौरव रामप्रवेश राय और सुकमा एसपी किरण चव्हाण की उपस्थिति में दिन भर आपरेशन को लेकर संयुक्त रणनीति तैयार करने के बाद जवानों को दो दिन का राशन देकर पैदल अभियान पर भेजा गया।
रात के अंधेरे में डीआरजी के जवान करीब 15 से 20 किलोमीटर पैदल चले और नक्सलियों के बटालियन के क्षेत्र में पहुंचे। जैसै ही जवानों के वहां पहुंचने की भनक नकस्लियों को लगी उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों ने हमला बोल दिया। हालांकि, जवान पहले से तैयार थे। इसके तुरंत बाद उन्होंने जवाबी कार्रवाई शुरु की। रात के अंधेरे में चली कबीर एक घंटे की मुठभेड़ में दस नक्सली घायल हो गए।
जवानों को भारी पड़ता देख नक्सल कमांडर हिड़मा और बारसे देवा की टीम सबसे पहले वहां से निकल भागी। शाम पांच बजे तक रूक-रूक कर गोलीबारी होती रही। इसके बाद घने जंगल और अंधेरे का फायदा उठाकर नक्सली भागे।
जवानों ने दिया ऑपरेशन को अंजाम
बता दें कि जवानों को अच्छे से जानकारी थी कि वह नक्सलियों के बटालियन वाले क्षेत्र में अभियान पर हैं। जवानों ने बताया कि वहां पहुंचने के बाद 24 घंटे वे अलर्ट मोड पर रहे। इस बीच राशन का सामान साथ था, पर कुछ भी खाया-पिया नहीं। अभियान पूरा होने के बाद निर्धारित कैंप में लौटकर ही भोजन किया।