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बाड़े के कमरा नंबर 11 में हुई थी पत्रकार की हत्या, मोबाइल को पत्थर से कूचकर नदी में फेंका, SIT की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में SIT ने अपनी पहली रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपियों ने बताया है कि बाड़े के कमरा नंबर 11 में मुकेश की रॉड से मारकर हत्या की गई।

छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्याकांड को लेकर एसआईटी की टीम जांच कर रही है। एसआईटी ने आरोपियों से और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ करने के बाद अपनी पहली रिपोर्ट पेश की है। टीम ने बताया है कि आरोपियों के मोबाइल से बहुत भारी मात्रा में डाटा डिलीट किया गया है। उन मोबाइलों के डाटा को रिकवर करने के लिए लैब में भेजा गया है।

पुलिस ने बताया है कि मुकेश के हत्या की साजिश सुरेश चंद्राकर ने अपने भाइयों के साथ मिलकर घटना के 4-5 दिन पहले ही बना ली थी। बैंकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर ने अपने बैंक खाते से दिनांक 27 दिसंबर को अर्थात घटना से 4 दिन पहले एक बड़ी रकम निकाली थी। बताया जा रहा है कि हत्या करने के बाद सुरेश देश छोड़कर भागने की फिराक में था।

कमरा नंबर 11 में किया था हत्या

पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि स्व. मुकेश चंद्राकर इनका रिश्तेदार था। वह एक चैनल का पत्रकार था और इनके ठेका कार्य के विरूद्ध ही न्यूज लगा रहा था, जिससे इनके ठेका कार्य की जांच शुरू हो गई थी। इस बात से नाराज होकर सुरेश चन्द्राकर के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची गई। 1 जनवरी को रितेश चन्द्राकर और महेन्द्र रामटेके ने मिलकर बाड़े के कमरा नंबर 11 में घटना को अंजाम दिया। दिनेश चन्द्राकर ने घटना के बाद रात में ही साक्ष्य छुपाने व आरोपियों को फरार करने में सुरेश चन्द्राकर की पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक काम किया। सुरेश चन्द्राकर स्वयं को घटना के समय बाहर रखने की योजना बना रखा था ताकि उस पर संदेह न हो।

लोहे की राड से मारा था

हत्या के बाद पुलिस ने मामले दर्ज कर 2 आरोपियों दिनेश चन्द्राकर और महेन्द्र रामटेके को बीजापुर से, रितेश चन्द्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था। विस्तृत पूछताछ में पता चला कि हत्या में प्रयुक्त लोहे की राड और घटना से संबंधित अन्य साक्ष्य को नेलसनार नदी के किनारे जंगल झाड़ी में छिपा रखा था।

मोबाइल फोन को पत्थर से कूंचा था

आरोपी रितेश चन्द्राकर, महेन्द्र रामटेके तथा दिनेश चन्द्राकर ने साजिश के तहत मुकेश चंद्राकर के 2 मोबाइल फोन को तुमनार नदी तक चालू हालत में रखा था, ताकि पुलिस की जांच पड़ताल में आखिरी लोकेशन तुमनार नदी की ओर दिखाई दे। वहां जाकर पत्थरों से मोबाइल फोन को चकनाचूर कर नदी में फेंक दिया था, जिसे गोताखोरों एवं अन्य साधनों से अभी भी खोजा जा रहा है।

सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से दबोचा था

03 जनवरी को सुबह सुरेश चन्द्राकर का पता करने पर पता चला कि वह बीजापुर से इनोवा वाहन से कहीं बाहर चला गया है, जिसकी अलग से गिरफ्तारी करने हेतु चार टीमें रवाना की गई। चारों टीमों ने 48 घंटो तक लगातार बाहर रहकर सर्च ऑपरेशन किया और 5 जनवरी की देर रात सुरेश चन्द्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया। सुरेश चन्द्राकर से पूछताछ पर उसने बताया कि मुकेश चंद्राकर इसका रिश्तेदार लगता है उसके बाद भी अपने चैनल में इनके खिलाफ न्यूज लगा रहा था उससे उसकी जांच शुरू हो जाने के कारण बताया है।

 

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