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पटवारियों की हड़ताल से अटके 8,400 से ज्यादा मामले, भटक रहे हैं लोग

16 दिसंबर से प्रदेशभर के करीब पांच हजार से ज्यादा पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शासन के नियमानुसार, पटवारियों का काम आरआई और तहसीलदार भी कर सकते हैं। मगर, वे इस काम में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसकी वजह से लोग नक्शा और खसरा पास कराने के लिए परेशान हो रहे हैं।

प्रदेशभर के करीब पांच हजार से ज्यादा पटवारी ऑनलाइन काम ठप कर 16 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसके चलते लोग नक्शा, खसरा के लिए भटक रहे हैं। बटांकन और नामांतरण का कार्य भी प्रभावित हुआ है। राजस्व विभाग के अनुसार, लंबित मामले 8,300 से बढ़कर 8,400 से भी आगे पहुंच गए हैं।

शासन के नियमानुसार, पटवारियों के सभी कार्यों का संपादन आरआई और तहसीलदार स्वयं भी कर सकते हैं। मगर, ज्यादातर तहसीलदार इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लोगों को इंतजार करवाया जा रहा है, ताकि लोक सेवा गारंटी की सीमा की अंतिम अवधि में ही मामले का निराकरण किया जाए।

बताता चलें कि यदि प्रकरण आते ही उनकी सुनवाई तुरंत की जाए, तो निश्चित ही लोगों को राहत मिल सकती है। जिले के तकरीबन 40 राजस्व न्यायालयों में 8,465 प्रकरण लंबित हैं।

इसके अलावा वर्तमान में आय प्रमाण पत्र के 167, मूल निवासी प्रमाण पत्र के 508, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र के 618, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के 204 आवेदन लंबित हैं। ऐसे में शिविरों में इनका निपटारा करने का दावा किया जा रहा है।

इन कार्यों के लिए भटक रहे लोग

ऑनलाइन कार्य नहीं करने को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश पटवारी संघ के बैनर तले पटवारियों की हड़ताल जारी है। इसके चलते खसरा, बी-वन, डिजिटल सिग्नेचर, धान बेचने, रकबा में सुधार जैसे काम रोक दिए गए हैं। लोग अपने कामों को पूरा कराने के लिए पटवारी दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

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