बलूच विद्रोहियों ने ली पाकिस्तान आतंकी हमले की जिम्मेदारी… ID कार्ड देखकर 23 लोगों को भूना था
बुगती जनजाति के नेता नवाब अकबर बुगती की बरसी पर बलूच विद्रोहियों ने कई जगहों पर हमले किए। इन हमलों में नागरिकों, सैनिकों और हमलावरों सहित 73 लोगों की मौत हो गई। बलूच लिबरेशन आर्मी का कहना है कि इस तरह के हमले आगे और होंगे। इन हमलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी प्रतिक्रिया दी है।
HIGHLIGHTS
- विद्रोहियों ने हाईवे व रेलवे ब्रिज को बनाया निशाना
- सुरक्षाबलों ने 21 हमलावरों को उतारा मौत के घाट
- बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस्लामाबाद (Baloch Attack in Pakistan)। पाकिस्तान में पिछले कई सालों से सरकार और बलूच विद्रोहियों के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच सोमवार को बलूचिस्तान (Balochistan) में विद्रोहियों ने हाईवे, रेलवे ब्रिज और पुलिस थाने पर हमले किए। पिछले कई सालों में किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। इस दौरान 73 लोगों की मौत हो गई।
यह हमला बुगती जनजाति के नेता नवाब अकबर बुगती की बरसी पर किया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के आदेश पर पाकिस्तानी सेना ने साल 2006 में उनकी हत्या कर दी थी। बुगती के बेटे जमील अकबर बुगती का आरोप है कि उनके पिता पहाड़ों में छिपे थे और अमेरिकी सैटेलाइट फोन का उपयोग करते थे। अमेरिका ने ही पाकिस्तान को पिता के ठिकाने की जानकारी दी थी।
बलूच विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले के बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की थी। इसमें 73 लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि इस इस दौरान 21 विद्रोहियों को मार गिराया गया। जबकि, 14 सैनिकों की भी मौत हो गई। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती के अनुसार, इस हमले में 38 नागरिकों को भी जाव गंवाना पड़ी है।
23 लोगों को गोलियों से भूना
बलूच विद्रोहियों ने मूसाखेल और क्वेटा सहित अन्य स्थानें पर हमले किए। विद्रोहियों ने मूसाखेल में बस यात्रियों को उतारा और उनका पहचान पत्र देखकर 23 लोगों को गोलियों से भून दिया। मरने वालों में अधिकतर दक्षिणी पंजाब के और कुछ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के थे। इसके अलावा क्वेटा में 6 लोगों की मौत हो गई। अन्य घटनाओं में नौ लोगों को जान गंवाना पड़ी।
और होगी घटनाएं
इस दौरान विद्रोहियों ने 12 ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। इन घटनाओं की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है। बीएलए का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को और अंजाम दिया जाएगा।
मूसाखेल जिले के सीनियर एसएसपी अयूब खोसो की मानें तो, बस पर हमला करने से पूर्व विद्रोहियों ने राराशिम क्षेत्र में हाईवे को बाधित कर दिया था। इसके अलावा राजधानी क्वेटा को पाकिस्तान से जोड़ने वाले रेलवे पुल पर भी विस्फोट किया गया। पाकिस्तान और ईरान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन को भी विद्रोहियों ने निशाना बनाया।
इसलिए हो रहा संघर्ष
बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है। इन संसाधनों पर बलूचिस्तान के लोग अपना अधिकार जताते हैं और संघीय सरकार का विरोध करते हैं। लोगों ने दक्षिण बलूचिस्तान में चीन द्वारा विकसित किए जा रहे ग्वादर बंदरगाह और सोने व तांबे की खानों के विकास का भी विरोध किया है।
पाकिस्तान सरकार ने दिया रिएक्शन
इस घटना के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सुरक्षा बलों द्वारा जवाबी कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही कहा कि जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।