छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक शुरू, अधिकारियों संग मंथन कर रहे अमित शाह
HIGHLIGHTS
- अमित शाह ने चंपारण में प्रभु वल्लभाचार्य के दर्शन और पूजन किए।
- रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया अमित शाह का स्वागत।
- आश्रम की ओर से शाह को महाप्रभु वल्लभाचार्य की प्रतिमा की गई भेंट।
राजिम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल प्रभावित राज्यों की अंतर राज्यीय समन्वय समिति की बैठक शुरू हो गई है। इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित हैं।
इससे पहले शाह छत्तीसगढ़ के चंपारण स्थित महाप्रभु वल्लभाचार्य आश्रम में पत्नी सोनल शाह संग पूजा-अर्चना की। शाह ने यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया। इस दौरान आश्रम की ओर से शाह को महाप्रभु वल्लभाचार्य की प्रतिमा भी भेंट की गई। शाह आश्रम में लगभग 30 मिनट तक रूके। इसके बाद रायपुर के लिए रवाना हो गए।
इस दौरान शाह के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे। यहां रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शाह का स्वागत किया।
गृह मंत्री के दौरे की तैयारियों के मद्देनजर शुक्रवार को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स का हेलीकॉप्टर नवागांव के गौठान के बाजू में उपमंडी प्रांगण में निर्मित हेलीपैड पर ट्रायल के लिए लैंड किया। महज पांच मिनट में वेरीफाई करके हेलीकॉप्टर फिर वापस उड़ान भर करके गंतव्य की ओर रवाना हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में 600 जवान, 25 राजपत्रित अधिकारी तथा 6 आईपीएस की ड्यूटी उनके सुरक्षार्थ रखे गए हैं। ये सभी टीमें क्रमश: बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग से आ रही हैं।
पहले भी अपनी माता जी के साथ चंपारण आ चुके हैं शाह
गृह मंत्री अमित शाह का चंपारण से पुराना नाता है। इसके पहले अमित शाह 2001 में अपनी माताजी को लेकर चम्पारण आए थे। जब वे गुजरात राज्य की राजनीति में थे। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जरूर स्टार प्रचारक के रूप में आने वाले थे। सारी व्यवस्था भी हो चुकी थी, मंच तैयार था और पब्लिक भी आ चुकी थी, पर ऐन वक्त में उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया था।
तब चन्द्रशेखर साहू भाजपा के प्रत्याशी थे। पंचकोसी का प्रमुख होने के साथ ही चंपारण वल्लभाचार्य की जन्मभूमि भी है जिनका संबंध गुजराती समाज से है। जिसके कारण बारहों महीने समाज की भीड़ यहां देखने को मिलती है।
शाह यहां से रायपुर चले जाएंगे, जहां पर नक्सल प्रभावित 7 राज्यों के मुख्य सचिव तथा डीजीपी की संयुक्त बैठक लेंगे।