भारत में रह रहीं शेख हसीना की बढ़ी मुश्किलें, अब नई मुसीबत में फंसीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व प्रधानमंत्री और छह अन्य लोगों के खिलाफ पिछले महीने की हिंसक झड़पों के दौरान एक किराने की दुकान के मालिक की मौत पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। यह केस किराने की दुकान के मालिक अबू सईद के एक शुभचिंतक द्वारा दायर किया है। यह केस किराने की दुकान के मालिक अबू सईद के एक शुभचिंतक द्वारा दायर किया है।
- 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार गिर गई थी।
- शेख हसीना फिलहाल गाजियाबाद में मौजूद हैं।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। बांग्लादेश में उनके और छह अन्य के खिलाफ पिछले महीने की हिंसक झड़पों के दौरान एक किराने की दुकान के मालिक की मौत पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल शेख हसीना गाजियाबाद से सेफ हाउस में मौजूद है।
पीड़ित के शुभचिंतक ने दर्ज कराया मामला
ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, यह केस किराने की दुकान के मालिक अबू सईद के एक शुभचिंतक द्वारा दायर किया है।
19 जुलाई को मोहम्मदपुर में कोटा सुधार आंदोलन के समर्थन में एक जुलूस के दौरान पुलिस गोलीबारी में अबू सईद मारा गया था। अन्य आरोपियों में अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून शामिल हैं।
हिंसा में मारे जाने वालों की संख्या 560 से ज्यादा
पिछले कुछ हफ्ते से चली रहीं हिंसक प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार गिर गई थी। देशभर में विरोध प्रदर्शन की वजह से अब तक मरने वालों के संख्या 560 से ज्यादा हो गई है।
हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया और इसके मुख्य सलाहकार, 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनाया गया।
मुहम्मद यूनुस और बीएनपी के नेताओं की चल रही मुलाकात
द डेली स्टार अखबार के अनुसार, सोमवार को अवामी लीग की कट्टर प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सहित सात राजनीतिक दलों ने यूनुस से अलग-अलग मुलाकात की और कहा कि अंतरिम सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए आवश्यक समय ले सकती है।
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद 79 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।