मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सौगात,अरपा नदी में बैराज निर्माण से मिलेगा जल संकट का समाधान।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अरपा नदी के पुनर्जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए शिवघाट और पचरीघाट में बैराज निर्माण को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए 60.64 करोड़ की स्वीकृति दी है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल नदी में जलभराव बनाए रखना है, बल्कि भू-जल स्तर को सुधारना और सिंचाई तथा पेयजल की समस्या का समाधान करना भी है
परियोजना के लाभ।
कृषि और पेयजल आपूर्ति में सुधार बैराज निर्माण से अरपा नदी में कोनी से देवरीखुर्द तक लगभग 11 किमी क्षेत्र में जलभराव रहेगा, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा।
भू-जल स्तर में वृद्धि जल संरक्षण से भू-जल स्तर बढ़ेगा, जिससे कुओं और नलकूपों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
पर्यटन और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा बैराज के दोनों किनारों पर पार्क, वॉकवे और हरित पट्टी विकसित की जाएगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
जलवायु संतुलन और जैव विविधता का संरक्षण नदी में स्थायी जल प्रवाह से पर्यावरणीय संतुलन बनेगा, जिससे जलीय जीवों और वनस्पतियों को संरक्षण मिलेगा।
शिवघाट बैराज की विशेषताएं।
बाई 334 मीटर
गेट्स की संख्या 24 (प्रत्येक 12 मीटर × 3.50 मीटर)
जलभराव क्षमता 1.80 मिलियन घन मीटर
बैराज के ऊपर सड़क की चौड़ाई 7.50 मीटरमुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य तय समय सीमा में पूरा किया जाए।यह बैराज न केवल बिलासपुर और आसपास के क्षेत्रों के जल संकट का समाधान करेगा, बल्कि राज्य की जल संरक्षण नीति में भी एक अहम भूमिका निभाएगा।