
गरियाबंद। कृषि क्षेत्र में नवाचार की मिसाल पेश करते हुए देवभोग के युवा किसान अवनीश पात्र को पूसा कृषि विज्ञान मेले 2025 में नवोन्मेषी कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवनीश के नवाचार की सराहना करते हुए इसे अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायक बताया।
बंजर भूमि से नवाचार तक।
देवभोग के गहनामुड़ा गांव के निवासी अवनीश पात्र ने 9 साल पहले बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया और सब्जी बाड़ी व आम का बागान तैयार किया। नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए उन्होंने आम के पेड़ों में पान की खेती शुरू की, साथ ही छांव का उपयोग कर हल्दी व अदरक की खेती भी कर रहे हैं।
राज्य से एकमात्र चयनित किसान।
अवनीश पात्र ने जनवरी माह में कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के मार्गदर्शन में नवोन्मेषी कृषक सम्मान के लिए आवेदन किया था। भौतिक परीक्षण और कई चरणों की सत्यापन प्रक्रिया के बाद छत्तीसगढ़ से अवनीश का चयन हुआ। उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के महानिदेशक हिमांशु पाठक समेत अन्य कृषि वैज्ञानिकों ने प्रदान किया।
सालाना 5 से 7 लाख की आय।
दिल्ली में आयोजित 22 से 24 फरवरी के पूसा कृषि विज्ञान मेले में अवनीश पात्र को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि उनके 4 एकड़ के आम बागान में इंटर क्रॉपिंग तकनीक के तहत पान, हल्दी और अदरक की खेती से सालाना 5 से 7 लाख रुपये की आय हो रही है। उनकी इस तकनीक से प्रभावित होकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य किसानों को भी इसे अपनाने के निर्देश दिए।
कृषि नवाचार के लिए हर साल होता है आयोजन।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान हर साल कृषि क्षेत्र में नवाचार करने वाले किसानों को सम्मानित करता है । इस कार्यक्रम में 25 से 30 राज्यों में से प्रत्येक राज्य से 1 या 2 किसानों का चयन किया जाता है। इस बार छत्तीसगढ़ से अवनीश पात्र को यह सम्मान मिला है, जो राज्य के लिए गर्व की बात है।