छत्तीसगढ़

सदन में लंबित राजस्व प्रकरण पर आम जनता को होने वाली परेशानी को लेकर पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार को घेरा।

रायपुर। पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने राज्य में लंबित राजस्व मामलों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ लाख मामले अभी भी लंबित हैं, लेकिन सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक साल से तहसील और एसडीएम कार्यालयों में आम जनता के काम नहीं हो रहे हैं, जिससे लोग परेशान हैं। पूर्व मंत्री पटेल ने कहा कि वकीलों ने विरोध जताते हुए एसडीएम कार्यालयों का बहिष्कार कर दिया है। उन्होंने कहा, तहसीलदारों को कई पावर दे दिए गए हैं, लेकिन ऑनलाइन सिस्टम, खासकर ‘भुइया’ सॉफ्टवेयर, पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। यह एनआईसी द्वारा संचालित किया जाता है, जिसके कारण एक मामूली मामला भी सुलझने में सालों लग जाते हैं।

सत्ता पक्ष के विधायकों के सरकार पर उठाया।

पूर्व मंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं को देखते हुए सत्ता पक्ष के विधायक भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, जनता परेशान है, इसलिए सत्ता पक्ष के विधायक भी मंत्रियों से जवाब मांग रहे हैं। संयोग यह है कि उनके प्रश्न पहले सूचीबद्ध हो जाते हैं, जबकि विपक्ष के सवाल पीछे रह जाते हैं।

जल जीवन मिशन पर बहिर्गमन का कारण बताया

पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने जल जीवन मिशन को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि सरकार लगातार जनता से भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,मंत्री कुछ और बोलते हैं, लिखित जवाब में कुछ और देते हैं। सरकार और विभागों के बीच समन्वय की कमी है, जिसके कारण हमें विधानसभा से बहिर्गमन करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि पहले किसी मंत्री ने इस तरह के अस्पष्ट आंकड़े विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किए थे।

 

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