प्रेमिका से मिलने पहुंचे युवक की जाल में दौड़ते करंट से मौत, शिकारियों ने 15 किमी दूर ले जाकर जलाया
पुलिस ने जब मौके पर जाकर जांच की तो जला हुआ मानव कंकाल, मोबाइल और चूड़ी के अवशेष बरामद हुए। आरोपियों के खिलाफ थाना सरसीवां में अपराध पंजीबध कर उन्हें जेल भेज गया है। पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल जीआई तार, बांस का डंडा, ट्रैक्टर और बाइक भी जब्त कर लिया है।

HighLights
- लाश ठिकाने लगाने जंगल में दूर ले गए शिकारी।
- सबूत मिटाने के लिए दो दिनों तक जलाई लाश।
- चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
सारंगढ़-बिलाईगढ़। 20 दिनों से एक लापता की खोजबीन में लगी पुलिस को युवक तो नहीं मिला लेकिन उसकी जली हुई राख मिली। युवक आधी रात जंगल में प्रेमिका से मिलने गया था। इसी बीच युवक शिकारियों के बिछाए जाल में फंस गया और करंट से उसकी मौत हो गई। लाश को ठिकाने लगाने शिकारी शव को घटनास्थल से 15 किलोमीटर दूर ले गए। इसके बाद लाश को दो दिनों तक जलाया, ताकि कोई सबूत ही न बचे। हत्या स्वीकार करने के बाद चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
- जानकारी के मुताबिक मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के सरसीवां थाना क्षेत्र के बेलाडुला चौकी का है। दरअसल प्रार्थी जगेश्वर साहू ने 5 फरवरी को अपने बेटे मनोज कुमार साहू की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस चौकी में दर्ज कराई थी।
- रिपोर्ट के अनुसार, मनोज अपने गांव के ठेकेदार मनहरण साहू के साथ तेंदुदरहा गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर युवक की तलाश शुरू की।
- जांच के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि घटना के दिन सुबह-सुबह राजेश सिंह नेताम, गौरसिंह सिदार, भानूसिंह नेताम और चैनसिंह जगत को तेंदुदरहा के खेतों की ओर जाते देखा गया था।
- पुलिस ने चारों संदिग्धों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
- आरोपियों ने बताया कि 4 फरवरी की शाम करीब 6 बजे वे अपने खेत में जंगली सुअर के शिकार के लिए बिजली के तार लगा रहे थे।
- अगले दिन सुबह 4 बजे तार में फंसकर कोई व्यक्ति झुलसा मिला। जब उन्होंने मौके पर जाकर देखा, तो वह मनोज कुमार साहू था, जो करंट से बुरी तरह झुलस चुका था और उसकी मौत हो चुकी थी।
शव जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश
घबराए आरोपियों ने हत्या को छिपाने के लिए मनोज के शव को राजेश सिंह नेताम के ट्रैक्टर में रखकर तेंदुदरहा से लगभग 15 किमी दूर पिरदा इलाके के चारपाली गांव के पास चिलमघाटी ले गए। वहां उन्होंने शव को पैरावट में डालकर आग लगा दी। लेकिन सबूत मिटाने के लिए दूसरे दिन फिर लौटकर शव को पूरी तरह जला दिया।