अपराधछत्तीसगढ़

म्यूल अकाउंट के लिए उपलब्ध कराते थे सिम कार्ड, 13 पीओएस एजेंट गिरफ्तार

म्यूल अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ठगी के पैसों का ट्रांजेक्शन करने और फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने के आरोप में रेंज साइबर पुलिस ने 13 पीओएस (पाइंट ऑफ सेल) एजेंटों को गिरफ्तार किया है। रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई और मुंगेली से आरोपित पकड़े गए हैं।

साइबर टीम ने फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध करवाने वालों को किया गिरफ्तार। म्यूल बैंक अकाउंट मामले में अब तक 98 आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं। साइबर पुलिस को यह जानकारी मिली है कि इन एजेंटों द्वारा देश के अलावा यूएई, श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था।

साइबर पुलिस के अनुसार, इन फर्जी सिम कार्ड का उपयोग ऑनलाइन सट्टा एप और अन्य साइबर फ्राड में हो रहा था। आरोपितों ने इन सिम कार्ड्स को दो से तीन हजार रुपये तक बेचने का काम किया था।

विशेष रूप से इन सिम कार्ड्स को म्यूल अकाउंट के ब्रोकरों को बेचा गया था। वो उन्हें साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल कर रहे थे।

साइबर पुलिस ने बताया कि इन गिरफ्तार एजेंटों द्वारा 7,063 फर्जी सिम कार्ड बेचे गए हैं। इन सिम कार्ड्स को म्यूल अकाउंट होल्डरों को बेचकर अपराधी उनका इस्तेमाल धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए कर रहे थे।

पुलिस ने इनमें से 590 मोबाइल नंबरों की पहचान की है। इसके साथ ही फर्जी सिम कार्ड्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वे नए सिम कार्ड प्राप्त करने या पोर्ट करने वाले कस्टमर्स से डबल थंब स्कैन, आई ब्लिंक और ई-केवाइसी के जरिए अतिरिक्त सिम चालू करते थे। इसके बाद इन सिम कार्ड्स को म्यूल अकाउंट के ब्रोकरों को बेचा जाता था।

साइबर पुलिस ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में फर्जी सिम बेचने वाले गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने म्यूल अकाउंट होल्डरों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उन पर कार्रवाई तेज की जाएगी।

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