
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को मिलने वाला आहार और बेहतर होने वाला है। आहार को और पोषणयुक्त बनाने केंद्र सरकार ने बजट बढ़ा दिया है। अब राज्य में भी राज्यांश बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा हैं। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
अब महंगाई दर के अनुसार बढ़ता हैं रेट
जानकारों ने बताया कि मध्यान्ह भोजन का रेट पहले 5 प्रतिशत की दर बढ़ता था। लेकिन मध्यान्ह भोजन कसे प्राइज इंडेक्स से जोड़ दिया गया है जिसके कारण महंगाई दर के अनुसार ही इसके रेट में बढ़ोतरी की जाती है। शुरू से मध्यान्ह भोजन का रेट कम रहा था। अभी प्राइज इंडेक्स से जुड़ा। शुरू से किए रेट ज्यादा होता तो अच्छा होता।
अभी राज्यांश पर 24 पैसे एक्स्ट्रा देती है सरकार
जानकारी के अनुसार, केंद्र द्वारा राज्यांश के लिए एक रेट तय किया जाता है। अभी प्राइमरी स्कूलों में 5.69 की दर से बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है। इसमें तय रेट 2.18 रुपए है जिसमें 24 पैसे राज्य सरकार एक्स्ट्रा देती है। पहले इसमें राज्य 1 रुपए तक एक्स्ट्रा देती थी। जैसे-जैसे रुपए बढ़ते जा रहे उसे समायोजित किया जा रहा है। इस बार हो सकता है इसे भी खत्म कर दिया जाए।
28 लाख छात्रों को फायदा
राज्य के 33 जिलों में कुल 45 हजार 735 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में मध्यांह भोजन दिया जाता है। इनमें शैक्षणिक सत्र 2024-25 में 28 लाख 2 हजार 488 छात्र-छात्राएं मध्यान्ह भोजन लेते हैं। जिसमें प्राथमिक में 16 लाख 99 हजार 986 और माध्यमिक में 11 लाख 2 हजार 502 छात्र-छात्राएं हैं।