50 साल से जमीन पर कब्जा पाने की लड़ाई लड़ रहा बुजुर्ग रुद्र, न्याय की आस में संघर्ष जारी
प्रशासनिक उदासीनता से परेशान एक बुजुर्ग पिछले 50 साल से अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। न्याय की आस में अब भी उसका संघर्ष जारी है। मगर, प्रशासनिक उदासीनता से अब वह परेशान हो चुका है। दबंगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है, जिस पर वो खेती और बुवाई कर रहे हैं।

पुस्तैनी जमीन पर अवैध कब्जाधारियों को हटाने के लिए भू-स्वामी 50 सालों से हुए विभिन्न न्यायालय के चक्कर काटने के बाद अब वह राजस्व मंडल न्यायालय में न्याय की आस में पहुंचा है। जमीन मालिक का कहना है कि तहसीलदार, कलेक्टर व कमिश्नर न्यायालय से वह जीत चुका है।
इसके बाद भी जमीन पर वह काबिज नहीं हो पा रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि उनका कब्जाधारियों से जान का खतरा है। प्रशासन से भी किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है। गुरुवार को राजस्व न्यायालय में पेशी में पहुंचे रुद्र प्रसाद यादव का कहना है कि रामानुजगंज के ग्राम पलगी स्थित खसरा नंबर 1440, रकबा 1.12 हेक्टेयर भूमि पर स्वामित्व है।
यह जमीन उनके दादा-परदादा से उन्हें और उनके बड़े भाई को मिली थी। राजस्व रिकॉर्ड में उनका और उनके स्वजन के नाम हैं। बावजूद वे इस जमीन पर काबिज नहीं हो पा रहे हैं। इसका कारण है कि गांव के कुछ दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। कब्जाधारियों ने उनकी जमीन पर मकान बनवाए हैं और खेती कर रहे हैं।
1975 से लगा रहे हैं कोर्ट के चक्कर
मगर, वे पिछले 50 सालों से उन लोगों से अपनी जमीन को कब्जा मुक्त कराने केवल विभिन्न न्यायालय के चक्कर ही काट रहे हैं। 1975 से कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने शुरू हुआ सिलसिला आज भी जारी है। वे अब राजस्व मंडल में अपनी पेशी पर हाजिर हुए हैं।
राजस्व मंडल में यह उनकी चौथी पेशी है। आगे और कितनी पेशी होगी और अपनी जमीन पर वे कब तक काबिज होंगे इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं है।
कब्जाधारी दे रहे जान से मारने की धमकी
जमीन मालिक रुद्र प्रसाद यादव का कहना है कि उनकी जमीन पर बेजाकब्जा करने वाले अब उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उनकी जमीन पर जबरन जोताई और बुआई कर रहे हैं। थाने में शिकायत दर्ज होने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
सीलिंग एक्ट में गई 10 एकड़ जमीन
रुद्र प्रसाद यादव का कहना है कि उनके परिवार के पास 163 एकड़ जमीन थी। सीलिंग एक्ट के तहत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर उनकी पुस्तैनी जमीन में से 10 एकड़ जमीन शासन ने अधिग्रहण कर लिया था। सीलिंग एक्ट के तहत उनके पिता साहेब यादव को 30 एकड़ जमीन मिली थी।
बड़े भाई शिव प्रसाद यादव को 54 और रुद्र प्रसाद यादव 54 एकड़ जमीन शासन ने दी थी। तीनों को मिलकर 138 जमीन ही उनके पास है। जबकि 163 एकड़ जमीन में से 10 एकड़ जमीन जाने के बाद मिली जमीन 153 एकड़ होनी चाहिए थी।