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ठगी का एक और नया तरीका… कंस्ट्रक्शन कारोबारी ने ऑनलाइन मंगाया सीमेंट, आठ लाख की ठगी

ठग ने कारोबारी से कहा कि आपने जो तीन हजार बोरी सीमेंट का ऑर्डर दिया था, वो भेज दिया गया है। आप खाते में पेमेंट कर दीजिए। कारोबारी भारतभूषण ने उसके बताए खाते में आठ लाख 83 हजार 500 रुपये जमा कर दिए। इसके बाद भी सीमेंट नहीं मिलने पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

कंस्ट्रक्शन कारोबारी से आठ लाख 83 हजार 500 रुपये की ठगी हो गई। अज्ञात मोबाइल नंबर धारक ने तीन हजार बोरी सीमेंट का ऑनलाइन ऑर्डर लेकर रुपये अपने बैंक खाते में डलवा लिए। तेलीबांधा थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

अवंति विहार कॉलोनी के रहने वाले भारतभूषण गुप्ता ने मामला दर्ज कराया है। वह कंस्ट्रक्शन मटेरियल कारोबारी हैं। 21 दिसंबर को उनके फोन पर अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसने अपना नाम आशीष शुक्ला बताया। उसने कहा कि वह अल्ट्राट्रेक सीमेंट कंपनी का एजेंट है।

ठग ने कारोबारी से कहा कि आपने जो तीन हजार बोरी सीमेंट का ऑर्डर दिया था, वो भेज दिया गया है। आप खाते में पेमेंट कर दीजिए। इसके बाद कारोबारी भारतभूषण ने उसके बताए खाते में आठ लाख 83 हजार 500 रुपये जमा कर दिए।

21 दिसंबर से अब तक उन्हें सीमेंट नहीं मिला है। दोबारा उसी नंबर पर फोन करने पर कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद कारोबारी को ठगे जाने का एहसास हुआ और आरोपित के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

दवा कारोबारी से 7.88 लाख ठगे

इसी तरह ठगी की दूसरी घटना पुराना बस स्टैंड के दवा कारोबारी कमलजीत सिंह बग्गा के साथ हुई है। उन्हें दवाइयां सप्लाई का झांसा देकर 7.88 लाख की ठगी की गई है। ठगों ने ब्रांडेड कंपनी के नाम से कारोबारी को मेल किया। उनसे दवाइयों का ऑर्डर लिया।

कारोबारी ने आर्डर देने के बाद ऑनलाइन पेमेंट कर दिया। उसके बाद दवाइयों की सप्लाई नहीं हुई। उन्होंने कंपनी में संपर्क किया, तब फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ। पुलिस ने बताया कि पंडरी, पुराना बस स्टैंड में कारोबारी कमलजीत सिंह बग्गा की दुकान है। उनका थोक दवा का कारोबार है।

उनके पास कुछ माह पहले हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड कंपनी के नाम से मेल आया। इस कंपनी से उनका कारोबार चलता है। उन्होंने दवाइयों का ऑर्डर दिया। इसी कंपनी के नाम से मिलती-जुलती आईडी से फिर मेल आया।

उसमें ऑर्डर मांगा गया। कारोबारी ने ऑर्डर किया। इसके बाद उन्हें एक खाता नंबर दिया था। उसमें एडवांस पेमेंट के लिए कहा गया। कारोबारी ने 7.88 लाख पेमेंट कर दिया। इसके बाद न दवा आई और न ही पैसे वापस हुए।

 

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