अपराध

‘शराब- सिगरेट लाने से किया मना तो…,’ डॉक्‍टर ने हैवानियत की हदें की पार, पहले पीटा और फिर…

उत्‍तर प्रदेश के गोंडा से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक निजी हास्पिटल के संचालक और सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टर दीपक सिंह पर हत्‍या का आरोप लगा है. मृतक परिजनों ने बताया है कि डॉ दीपक सिंह ने पहले पिटाई, फिर अपहरण और उसके बाद हत्‍या कर दी और शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्‍य से उसे रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था. लेकिन मालगाड़ी के ड्राइवर ने शव को दूर से देखकर ट्रेन रोक दी और जीआरपी को सूचना दी थी.

अब जीआरपी मामला दर्ज करते हुए फरार डॉ दीपक सिंह और अन्‍य की तलाश कर रही है. परिजनों ने बताया कि मृतक अंकित तिवारी डॉ दीपक सिंह के निजी अस्‍पताल में काम करता था. अंकित ने अपने पिता को फोन पर बताया था कि डॉ दीपक ने उससे शराब और सिगरेट लाने को कहा था, जिस पर उसने मना कर दिया था. इसके बाद डॉ दीपक ने उसकी पिटाई की है. अंकित अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. अंकित के चाचा ने बताया कि माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्‍होंने कहा कि यह हत्‍या दीपक सिंह ने ही की है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए.

पिता ने पूछा कि तुम कहां हो…, फोन कट गया और कोई आवाज नहीं आई
पिता अनिल तिवारी ने जब अंकित से पूछा कि तुम कहां हो? तो कोई जवाब नहीं आया और फोन कट गया. इसके बाद परिजन अस्‍पताल पहुंचे और अंकित के वहां नहीं होने पर जब पूछताछ की तो कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और उसके मोबाइल की लोकशन ट्रेस कराई गई तो पता चला कि वह रेलवे ट्रैक के पास मृत पड़ा हुआ है. इधर, मालगाड़ी के ड्राइवर की सूचना पर जीआरपी ने मामला दर्ज कर शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेजा था.

पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट ने कर दिया बड़ा खुलासा 
परिजनों की मांग पर डीएम नेहा शर्मा ने 5 डॉक्‍टरों के पैनल बनाते हुए पोस्‍टमार्टम कराया और उसकी वीडियोग्राफी भी कराई. पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अंकित के हाथ और पैर की कई हड्डियां टूटी हुई मिलीं और सिर- गले पर गहरे घाव थे. सीओ जीआरपी गोरखपुर विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी डॉक्‍टर और 2 अन्‍य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है और उनकी तलाश की जा रही है.

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