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हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर डोंगरगढ़ में शुरू होगी वाइल्ड ट्रैकिंग, जंगल में पैदल ही कर सकेंगे सैर

प्रकृति प्रेमी अब हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर घने जंगल, वन्य प्राणियों व प्रकृति को पैदल चलकर ही देख सकेंगे। पर्यटकों को वन विभाग व वन प्रबंधन समिति के एक्सपर्ट कर्मचारी पैदल ही सैर कराएंगे..

जंगल भ्रमण का अपना अलग ही मजा है। कई लोग इसके शौकिन हैं। इसलिए जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र में बहुत जल्द ही वाइल्ड ट्रैकिंग की शुरुआत होने वाली है। प्रकृति प्रेमी अब हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर घने जंगल, वन्य प्राणियों व प्रकृति को पैदल चलकर ही देख सकेंगे। पर्यटकों व वन्य प्रेमियों को वन विभाग व वन प्रबंधन समिति के एक्सपर्ट कर्मचारी जंगल में पैदल ही सैर कराएंगे। इस क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही होती रहती है।

जंगल ट्रैकिंग का हो रहा काम

इस दौरान पर्यटक हरे-भरे घने जंगल का नजारा कैमरे कैद कर सकेंगे। हिमाचल प्रदेश व अन्य कई जगहों के वन परिक्षेत्र में जंगल ट्रैकिंग का काम हो रहा है। जिसमें पर्यटक पैदल ही पूरे जंगल परिक्षेत्र का भ्रमण करते हैं। ऐसी ही शुरुआत अब राजनांदगांव में भी डोंगरगढ़ के वन परिक्षेत्र में होने वाली है। वन विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दी है। नए साल 2025 में पर्यटक जंगल ट्रैकिंग के तहत वन परिक्षेत्र का भ्रमण करेंगे।

औषधि पेड़, पौधों की मिलेगी जानकारी

CG Tourism: वन प्रेमी पर्यटकों को ट्रैंकिंग के दौरान इस परिक्षेत्र में कई प्रकार के इमारती व औषधि पेड़ व पौधों की जानकारी मिलेगी। जिससे वे लोग इस पर किसी प्रकार का रिसर्च भी कर सकेंगे। इस परिक्षेत्र में सागौन, साजा, शीशम, बीजा, इमली सहित अन्य इमारती लकड़ी की भरमार है। वहीं औषधि पेड़, पौधों में हल्दी, बिरहा, महुआ, चिरायता, आंवला, ईमली, बढ़हर सहित अन्य पौधे हैं। इसके अलावा ट्रैकिंग वाले परिक्षेत्र में डंगोरा डेम व नीगो बांध पड़ेगा। यहां पर पर्यटक पिकनिक भी मना सकेंगे।

वन्य प्राणियों को नजदीक सेदेख सकेंगे प्रकृति प्रेमी

वन विभाग द्वारा जंगल ट्रैकिंग के लिए जिल जिस वन परिक्षेत्र का चयन किया गया है। इस परिक्षेत्र में कई तरह के वन्य प्राणी हैं। जिसमें प्रमुख रूप से बारहसिंगा, हिरण, नील गाय, लकड़बघ्घा, वन भैसा, नील गाय, जंगली सुअर व चिता व तेंदूआ का दीदार कर सकेंगे। पर्यटकों को वन विभाग व वन प्रबंधन समिति के कर्मचारी सुरक्षित ट्रैकिंग कराएंगे। ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों को पैदल जंगल सफर करने के लिए कुछ फीस देनी होगी। जिससे कर्मचारियों को आर्थिक लाभ भी होगा। इसके अलावा जंगल परिक्षेत्र का रखरखाव कर सकेंगे।

ढारा डेम से होगी शुरुआत

वन विभाग से मिली जानकारी की अनुसार जंगल ट्रैकिंग की शुरुआत डोंगरगढ़ के ढारा डेम के पास से शुरुआत होगी। इस दौरान पर्यटक बोरतलाव जंगल तक पैदल ट्रैकिंग करेंगे। इस दौरान ढारा डेम से आधा किलोमीटर चलने के बाद वन परिक्षेत्र शुरू होगी। पर्यटक उत्तर बोरतलाव, दक्षिण बोरतलाव व सामान्य वन परिक्षेत्र होते जंगल रास्ते से या फिर सड़क रास्ते से वापस लौटेंगे। वन विभाग द्वारा इन परिक्षत्रों में सुरक्षित रास्ता की तलाश कर रही है। पर्यटकों को ट्रैकिंग के दौरान आने व जाने में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना करना न पड़े।

डीएफओ आयुष जैन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर डोंगरगढ़ के ढारा व बोरतलाव क्षेत्र में जंगल ट्रैकिंग की शुरुआत होगी। ट्रैकिंग के तहत पर्यटकों को जंगल का पैदल सैर कराने वन विभाग व वन प्रबंधन समिति के कर्मचारी तैनात रहेंगे। ट्रैकिंग से पर्यटकों को प्रकृति को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा।

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