‘कर्मों का फल, कोर्ट को किया गुमराह…’ बिलकिस बानो के 11 दोषियों को 2 हफ्ते में करना होगा सरेंडर, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो (Bilkis Bano Gang rape case) के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या के मामले में दोषियों को सजा से मिली छूट के फैसले को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के सभी 11 दोषियों को 2 हफ्ते के अंदर वापस जेल में आत्मसमर्पण करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस उज्ज्वल भूइयां की दो सदस्यीय बेंच ने सजा में छूट को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को सुनवाई योग्य करार देते हुए कहा कि गुजरात सरकार सजा में छ्रट का आदेश देने के लिए उचित सरकार नहीं है. कोर्ट ने इसके साथ ही कहा, ‘क़ानून का शासन कायम रहना चाहिए.’
‘कर्मों का फल भोगना भी नियति’
इस दौरान जस्टिस नागरत्न ने ब्रिटिश जज के बौद्ध और ईसाई से जुड़े एक फैसले का हवाला दिया कि करुणा आवश्यक है लेकिन कर्मों का फल भोगना भी नियति है. उन्होंने कहा, ‘हम जनहित याचिकाओं के सुनवाई योग्य होने के मामले को खुला रखते हैं.’