इस कारण से माता सीता को महल में नहीं रख सकता था रावण, नलकुबेर से मिला था श्राप
रावण रामायण ग्रंथ का नकारात्मक लेकिन प्रमुख पात्र रहा है। ऐसा माना जाता है कि उसके पास समृद्धि और ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं थी। लेकिन इसके बाद भी वह माता सीता के हरण के बाद उन्हें अपने महल में नहीं रख सकता था। जिसका कारण रावण संहिता में मिलता है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की असल वजह।
HIGHLIGHTS
- मानव मात्र को प्रेरणा देती है रामायण की कथा।
- रावण ने किया था माता सीता का हरण।
- रावण को अप्सरा रंभा ने दिया था श्राप।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रामायण में वर्णित रावण द्वारा माता सीता के हरण की कथा तो लगभग सभी जानते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रावण ने ऐश्वर्य से समृद्धि सोने की लंका को छोड़कर माता सीता को अशोक वाटिका में ही क्यों रखा। इसका कारण रावण को मिला एक श्राप था, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
मिला यह श्राप
रावण संहिता में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार रावण अप्सरा रंभा के सौंदर्य को देखकर मोहित हो गया और उसे जबरदस्ती अपने महल ले जाने की कोशिश करने लगा। तब रंभा ने कहा कि मैं नलकुबेर की पत्नी हूं, तो इस नाते से में आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन फिर भी रावण नहीं माना।