‘भारत को बनाना चाहता था इस्लामिक राष्ट्र’, मोदी सरकार ने कट्टरपंथी समूह ‘हिज्ब-उत-तहरीर’ पर लगाया बैन
HIGHLIGHTS
- 1953 में यरुशलम में हुई थी इस वैश्विक इस्लामी संगठन की स्थापना।
- युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कर रहा प्रोत्साहित।
पीटीआई, नई दिल्ली। यरुशलम में वर्ष 1953 में स्थापित वैश्विक इस्लामिक समूह हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को सरकार ने गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया, क्योंकि इसका उद्देश्य जिहाद और आतंकी गतिविधियों के जरिये विश्वभर में इस्लामिक राज्य और खिलाफत स्थापित करना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एचयूटी भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, उन्हें आईएस जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में शामिल है। एचयूटी विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों व सिक्योर एप्स का इस्तेमाल करके आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और दावाह (आमंत्रण) बैठकें आयोजित करके भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा के लिए बताया गंभीर खतरा
गृह मंत्रालय ने कहा कि एचयूटी ऐसा संगठन है, जिसका उद्देश्य भारत समेत विश्वभर में देश के नागरिकों को शामिल करके जिहाद व आतंकी गतिविधियों के जरिये लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करके इस्लामिक राज्य और खिलाफत की स्थापना करना है। लिहाजा यह संगठन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
(केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश।)
गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत संगठन को प्रतिबंधित घोषित करते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि एचयूटी भारत में आतंकवाद में शामिल रहा है और विभिन्न आतंकी गतिविधियों में भी भागीदार रहा है। यह प्रतिबंध एचयूटी, उसके सभी संगठनों और मुखौटा संगठनों पर प्रभावी होगा।
गृह मंत्रालय ने क्या-क्या कहा?
- सोशल मीडिया और ऐप का माध्यम से भोले-भाले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए करता है प्रोत्साहित।
- भारत सहित दुनियाभर में स्थापित करना चाहता है इस्लामिक राज्य और खिलाफत।
- आतंकी गतिविधियों के लिए जुटाता था धन।
- समूह पर प्रतिबंध लगाकर उसे आतंकी संगठन घोषित किया जाता है।
- आतंकवाद के प्रति पीएम नरेंद्र मोदी की शून्य सहिष्णुता की नीति।
एनआईए ने मंगलवार को की प्रमुख आरोपी की गिरफ्तारी
एनआईए ने मंगलवार को ही भारत विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देकर असंतोष एवं अलगाववाद फैलाने से जुड़े तमिलनाडु एचयूटी मामले में एक प्रमुख आरोपित को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एनआईए ने अब तक कुल सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। एनआईए का आरोप था कि गिरफ्तार आरोपी अलगाववाद का प्रचार कर रहा था और कश्मीर को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान से सैन्य सहायता की मांग कर रहा था।
लेबनान में है मुख्यालय
एचयूटी का मुख्यालय लेबनान में है और यह ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया समेत 30 से ज्यादा देशों में सक्रिय है। इजरायल और यहूदियों के विरुद्ध हमलों को सराहने और उनका जश्न मानने का इसका इतिहास रहा है। कई अन्य देशों में भी इस पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जिनमें जर्मनी, मिस्त्र, ब्रिटेन के अलावा कई पश्चिम एशियाई व अरब देश शामिल हैं।