UP News: कुशीनगर में जाली नोटों का कारोबार, सोशल साइट पर ‘क्राइम सीन’ में ‘सियासी इंट्री’
कुशीनगर में जाली नोटों के कारोबार में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारियों के नाम सामने आने से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर पकड़े गए तस्करों के साथ पुलिस टीम की फोटो शेयर कर भाजपा हमलावर हो गई है। इस घटना ने राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले पुलिस की इस कार्रवाई से सपा को झटका लगा है।
HIGHLIGHTS
- सपा पदाधिकारियों के जाली नोट के धंधे में नाम आने के बाद अचानक गरम हो गई सियासत
- बचाव में आई सपा ने पुलिस पर ही उठाया सवाल, कहा मामले की कराई जाए उच्च स्तरीय जांच
कुशीनगर। जाली नोटों के धंधे में सपा के राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारी का नाम आते ही सोमवार को जनपद की सियासी तासीर पूरी तरह से गरम हो गई। सोशल साइट पर पकड़े गए तस्करों के संग पुलिस टीम की फोटो साझा कर भाजपा के कुछ पदाधिकारी पूरी तरह से हमलावर हो गए।
कुछ गैर राजनीतिक लोगों ने भी अपने कमेंट के साथ फोटो शेयर की। सोशल साइट पर ‘क्राइम सीन’ में इस ‘सियासी इंट्री’ ने राजनीति को भी हवा देने का कार्य किया। विधानसभा उप चुनाव से ठीक पहले पुलिस के इस ‘गुड वर्क’ से सपा को ‘बैड टच’ हुआ है तो भाजपा ‘फील गुड’ करती दिख रही है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अपराधी किस दल या जाति धर्म के नहीं होते।
तरया रोड तमकुहीराज का रहने वाला सपा के लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद रफीक उर्फ बबलू खान की फोटो लगा एक भाजपा कार्यकर्ता ने लिखा कि रातोंरात धनी हुए इस सपा नेता को राजनीतिक संरक्षण देने का कार्य किया गया, जिससे उसने अपने अपराध का साम्राज्य खड़ा किया।
इसकी जांच होनी चाहिए कि उसके रिश्ते किस-किस से थे। कहीं उनका हाथ भी तो इस धंधे में नहीं है। दूसरी ओर तमकुहीराज के गांधीनगर के रहने वाले सपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव नौशाद खान की सपा मुखिया अखिलेश यादव से हाथ मिलाता वीडियो भी सोशल साइट पर प्रसारित कर कुछ लोगों ने राजनीतिक तंज कसा है।
उसके सियासी रसूख को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर अपराध की इस घटना ने राजनीतिक-आपराधिक गठजोड़ को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़ा किया है।
दबंगई के बल पर जबरदस्ती लिखा लेते थे प्लाट व जमीन
नकली नोटों के सौदागरों की क्षेत्र में दबंगई थी। ये कमजोर लोगों को चिन्हित कर जबरदस्ती औने-पौने दाम पर उनकी जमीन लिखा लेते और फिर बाद में उसे ऊंची कीमत पर बेच कर पैसा कमाते थे। शुरूआती जांच में लगभग आधा दर्जन ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं।
नकली व नेपाली नोट तथा अवैध असलहों के साथ पकड़े गए तस्करों के विरुद्ध जिले के अलग-अलग थानों में गंभीर आपराधिक मुकदमे पंजीकृत हैं। पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कम समय में अमीर बनने के लिए तस्करों ने नकली नोट के कारोबार के साथ साथ प्लाट व जमीन पर भी नजर थी।
कहा जा रहा है कि ये क्षेत्र के गरीब, कमजोर लोगों को चिन्हित करते फिर उन पर जमीन देने का दबाव बनाते। अगर कोई व्यक्ति जमीन देने से इंकार करता तो ये उनके साथ दबंगई से पेश आते। असलहे के बल पर उन्हें डराते-धमकाते। डर के चलते कई लोगों ने अपनी जमीन इन्हें बैनामा कर दिया।
महत्वपूर्ण बात यह भी थी कि जमीन के बदले ये उचित कीमत भी नहीं देते। औने-पौने दाम पर ये ऐसे लोगों की जमीन अपने नाम लिखवा लेते थे। ऐसे पीड़ितों की संख्सा लगभग आधा दर्जन बताई जा रही है।