छुट्टियों की परवाह किए बगैर 10 साल तक दिन-रात किया काम, सैलरी नहीं बढ़ने पर बेंगलुरु के प्रोफेसर का छलका दर्द
कैसा लगेगा जब आप अपने काम में खून-पसीना एक कर दें और दिन-रात की परवाह किए बगैर छुट्टियों में भी काम करें लेकिन जब बात प्रमोशन या सैलरी बढ़ाने की आए तो कंपनी आपको ठेंगा (No Salary Hike) दिखा दे? दरअसल आरोप के मुताबिक ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरु के एक Engineering College में 10 साल से अपनी सेवाएं दे रहे प्रोफेसर के साथ हुआ है।
- प्रोफेसर का कहना है कि वे अपनी तरफ से पूरी मेहनत कर रहे थे।
- प्रोफेसर ने कई बार आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की मदद भी की।
- 10 साल बाद भी सैलरी न बढ़ने पर प्रोफेसर ने इस्तीफा देने का फैसला किया।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में, इंजीनियरिंग कॉलेज में 10 साल से अपनी सेवाएं दे रहे 37 वर्षीय असिस्टेंट प्रोफेसर ने इस्तीफा (Bengaluru Professor Resigns) दे दिया। उनका कहना है कि संस्थान में 10 साल काम करने और छात्रों से अच्छे फीडबैक के बावजूद, उनकी सैलरी को कभी नहीं बढ़ाया गया और न ही इस मामले में उनके अनुरोध को कभी मंजूरी दी गई। सपोर्ट की कमी से हताश और निराश होकर उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया लेकिन आश्चर्य तब हुआ जब कॉलेज के किसी भी व्यक्ति उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। बता दें, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर शेयर प्रोफेसर का यह पोस्ट अब काफी वायरल हो रहा है।
कभी नहीं बढ़ाई सैलरी
प्रोफेसर का आरोप है कि 2019 में जब कॉलेज को नए प्रिंसिपल मिले, तो उसके बाद उनका अनुभव यहां और भी बदतर हो गया। नए प्रिंसिपल ने कभी उनकी सैलरी नहीं बढ़ाई और न ही उनकी इस रिक्वेस्ट को कभी स्वीकार किया। इन सबके बावजूद उन्होंने खुद को साबित करने की कई कोशिशें की जैसे देर शाम तक काम के लिए कॉलेज में रहना, संडे को भी काम करना और स्टूडेंट्स के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए खुद से ही पेमेंट करना। प्रोफेसर का दावा है कि उन्हें अपने जूनियर शिक्षकों से भी कम सैलरी दी जा रही थी।