‘ममता बनर्जी का हो पॉलीग्राफ टेस्ट’ बंगाल CM के किस झूठ का पर्दाफाश करना चाहती है BJP?
- बंगाल पुलिस आयुक्त की भी हो पॉलीग्राफ टेस्ट: भाजपा
- दुष्कर्म मामले की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए: बीजेपी
- पॉलीग्राफ टेस्ट सच और झूठ का पता लगाने की एक प्रोसेस है।
एएनआई, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई अत्याचार के मामले में आरोपी संजय रॉय, संदीप घोष समेत कई लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा रहा है। इसी बीच भाजपा ने कहा है कि इस मामले में सीएम ममता बनर्जी का भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाए।
बीजेपी ने मांग की है कि सीबीआई, सीएम ममता बनर्जी और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पुलिस आयुक्त ने शुरू में कहा था कि पीड़िता ने आत्महत्या की है।
ममता बनर्जी और पुलिस आयुक्त का हो पॉलीग्राफ टेस्ट: बीजेपी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मंगलवार (27 अगस्त) को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है वो चिंताजनक है। राज्य में संविधान तार-तार करने की कोशिश की जा रही है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सीएम ममता बनर्जी आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
भाटिया ने कहा,”अगर देश में कोई तानाशाह है, तो वह तानाशाह ममता बनर्जी हैं। सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता और सबसे बड़ी बात ये है कि जब तक ये लोग अपने पदों पर हैं और छात्रों को कुचल रहे हैं, संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
गौरव भाटिया ने कहा,”उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं, इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि सीएम ममता बनर्जी और पुलिस आयुक्त की पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test Of Mamata Banerjee) हो।”
क्या होता है पोलीग्राफ टेस्ट?
पॉलीग्राफ टेस्ट सच और झूठ का पता लगाने की एक प्रोसेस है। ई डिटेक्टर मशीन (झूठ पकड़ने वाली मशीन) के जरिए अपराधी को बेनकाब किया जाता है। आरोपी के जवाब देने के दौरान शरीर में होने वाले बदलाव से पता लगाया जाता है कि वो सच बोल रहा है या झूठ। हालांकि पालीग्राफ टेस्ट को बहुत प्रभावी साक्ष्य नहीं माना जाता है, लेकिन अदालतें इसे सिरे से नजरअंदाज भी नहीं करती हैं।