नीम एक औषधीय पेड़ है. इसका प्रयोग बहुत ही प्राचीन काल से किया जा रहा है| नीम का स्वाद तो कड़ुवा होता है लेकिन ये फायदा इतना ज्यादा करता है कि किसी अमृत से कम नहीं है| नीम की छाल, पत्ता, टहनी सभी औषधीय के रूप में उपयोग किया जाता है| खास तौर से त्वचा के रोगों में इसका प्रयोग किया जा रहा है| नीम के तेल को आप त्वचा में खुजली, दाद, या अन्य स्किन संबंधी बीमारियों में लगाने के लिए कर सकते हैं| नीम के पत्तों का रस निकालकर पिया जा सकता है. इससे कई बीमारियां भी दूर होती हैं|
नीम के औषधीय गुण के बारे में जांजगीर जिला हॉस्पिटल के आयुर्वेद चिकित्सक फणींद्र भूषण दीवान ने बताया कि नीम का प्रयोग बहुत ही प्राचीन काल से किया जा रहा है| पहले इसकी टहनी से दातुन किया जाता है| इसकी छाल और पत्ते के भी कई उपयोग किए जाते हैं लेकिन अब बता दें कि नीम में एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक गुण होने के कारण यह मूल रूप से ब्लड साफ करने के लिए होता है इससे आपका त्वचा संबंधी रोग दूर होता है और पेट भी साफ होता है, जिससे पूरा शरीर स्वस्थ रहता है. इसके अलावा शुगर में भी ये बहुत फायदेमंद है. नीम का रोजाना प्रयोग करने से शुगर लेवल कम होता है| नीम का दातुन करने से दांत दर्द से राहत मिलती है| ये मसूड़ों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है और मसूड़ों में होने वाले इन्फेक्शन जिसे पायरिया कहते हैं इसके इलाज में मदद करता है| नीम का पत्ता रोजाना चबाने से भी बहुत फायदा होता है और उसके रस को अंदर ग्रहण करने से भी कई बीमारियों में फायदेमंद है|
जानिए नीम के फायदे
• नीम के शीतल छाया में विश्राम करने से शरीर स्वस्थ रहता है. संध्याकाल में इसकी सूखी पत्तियों के धुएं से मच्छर भाग जाते हैं, रात में नींद अच्छी आती है और वातावरण भी शुद्ध रहता है|
• इसकी मुलायम छाल चबाने से हाजमा ठीक रहता है| नीम की पत्तियों को सुखाकर अनाज में रखने से उनमें कीड़े नहीं पड़ते है जिससे अनाज खराब नहीं होता है|
• नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल जाती है, सिर स्नान से बालों के जुएं मर जाते हैं|
• नीम की जड़ को पानी में घिसकर लगाने से कील मुंहासे मिट जाते हैं और चेहरा सुन्दर हो जाता है|
• नीम के पत्तों का रस खून को साफ करता है, और खून भी बढ़ाता है इसे 5 से 10 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना खाना चाहिए|