अकाउंट होल्डर की मृत्यु, बैंक में नॉमिनी का नाम नहीं; फिर किसे मिलेगा खाते का पैसा?

बैंक अकाउंट या कोई अन्य वित्तीय खाता खोलते वक्त नॉमिनी जरूर चुनना चाहिए। कई लोग लापरवाही या किसी अन्य वजह से नॉमिनी नहीं चुनते और उनकी मृत्यु के बाद कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच विवाद की आशंका बढ़ जाती है। कई बार मामला अदालत तक भी पहुंच जाता है। आइए जानते हैं कि नॉमिनी चुनने के क्या फायदे हैं और नॉमिनी न होने की सूरत में अकाउंट का पैसा किसे मिलेगा।
HIGHLIGHTS
- नॉमिनी न होने पर अकाउंट का पैसा सरकारी खजाने में जमा किया जा सकता है।
- खाते के पर मालिकाना हक को लेकर वारिसों के बीच विवाद भी हो सकता है।
- खाताधारक की मृत्यु पर वारिसों को खाते के पैसों पर टैक्स देना पड़ सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। हम जब भी बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट या निवेश के लिए कोई अन्य वित्तीय खाता खोलते हैं, तो उसमें एक ऑप्शन आता है, नॉमिनी एड करने का। इसका मतलब कि अगर आपके साथ कोई अनहोनी होती है, तो आपके अकाउंट का पैसा किसे मिलेगा। चूंकि, नॉमिनी एड करना अनिवार्य नहीं होता, तो बहुत-से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं या लापरवाही से टाल देते हैं।
लेकिन, हर वित्तीय खाते में नॉमिनी का होना बेहद जरूरी है, ताकि आपके न रहने की सूरत में आपका पैसा आपके सही वारिस को मिल सके। आइए जानते हैं कि नॉमिनी बनाना जरूरी क्यों है और अगर नॉमिनी न हो, तो खाते में जमा पैसे किसे मिलेंगे और उसेक लिए क्या करना होगा।