Vighnaraja Sankashti Chaturthi पर ऐसे करें जीवन के विघ्नों को दूर, प्राप्त होगी गणपति बप्पा की कृपा

विघ्नराज संकष्टी का व्रत जातक के जीवन के लिए बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सभी चुनौतियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की पूजा के दौरान ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ विधिपूर्वक करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
HIGHLIGHTS
- हर महीने में 2 बार चतुर्थी व्रत किया जाता है।
- चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है।
- आश्विन माह में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का त्योहार अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी (Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024) के नाम जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करने से सभी विघ्नों से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 सितंबर को रात 09 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 सितंबर को शाम 06 बजकर 13 मिनट होगा। इस तिथि पर चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त शाम 08 बजकर 29 मिनट पर है। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 21 सितंबर को मनाई जाएगी।