श्री सुमुख गणेश मंदिर: 53 साल से दक्षिण भारतीय परंपरा में गणेश महोत्सव
HighLights
- देश भर में बप्पा इस साल छह अगस्त से भक्तों को देंगे दिव्य दर्शन
- श्री सुमुख गणेश मंदिर में होगी रंग-रोगन से लेकर आकर्षक साज-सज्जा
- दक्षिण भारत से लाई गई काले ग्रेनाइट की बनी हुई है गणेश जी की प्रतिमा
बिलासपुर। श्री सुमुख गणेश मंदिर रेलवे कंस्ट्रक्शन कालोनी में 53 साल से दक्षिण भारतीय परंपरा चली आ रही है। मुख्य पुजारी साईं भास्कर के मुताबिक रेलवे कंस्ट्रक्शन कालोनी स्थित इस मंदिर की स्थापना 1965 में दक्षिण भारत से लाई गई काले ग्रेनाइट की गणेश प्रतिमा से हुई थी। जिसे पहले एक पेड़ के नीचे स्थापित किया गया था, बाद में रेलवे की अनुमति मिलने पर 1971 में मंदिर का निर्माण कराया गया।
मंदिर की खास बात यह है कि, यहां की सभी प्रतिमाएं दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित हैं। दक्षिण भारत से आए रेलवे कर्मचारियों ने अपने देवताओं की पूजा करने के उद्देश्य से इस मंदिर की नींव रखी थी। यहां गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा व अभिषेक के साथ साथ धार्मिक अनुष्ठान दक्षिण भारतीय मंत्रोच्चार से किए जाते हैं। चंदन से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा, भस्मारती, चांदी अर्क से अभिषेक और शोभायात्रा के साथ यह मंदिर भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक स्थल बन गया है। जिससे भक्तों को अपने राज्य से जुड़े होने का अहसास होता है।