बहराइच में नौ मौतों के बाद ‘ऑपरेशन भेड़िया’ शुरू, 30 गांवों में आतंक; वन विभाग की 16 टीमें कर रही कैंप
यूपी के बहराइच में भेड़ियों के आतंक से लोगों में दहशत है। पुरुष रतजगा कर रहे हैं तो महिलाएं बच्चों संग घरों में कैद हैं। पिछले एक महीने में भेड़ियों के झुंड ने छह बच्चों और एक महिला को मौत के घाट उतार दिया। हालात को देखते हुए अब वन विभाग ने ऑपरेशन भेड़िया शुरू किया है। 16 टीमों के साथ ही जिला स्तरीय 12 अधिकारी कैंप कर रहे हैं।
- पुरुष कर रहे रतजगा, घरों में कैद बच्चे-महिलाएं
- एक माह में छह बच्चे और एक महिला बनी शिकार, 35 ग्रामीण घायल
- वन विभाग की 16 टीमों के साथ 12 जिला स्तरीय अधिकारी कर रहे कैंप
बहराइच। जिले के 30 गांवों की रातें इन दिनों काफी डरावनी हैं। पुरुष रतजगा कर रहे हैं तो महिलाएं बच्चों संग घरों में कैद हैं। डर है भेड़ियों का, जिन्होंने आतंक मचा रखा है। पहले मार्च से जून तक तो छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन इधर एक महीने में भेड़ियों के झुंड ने छह बच्चों और एक महिला को मौत के घाट उतार दिया। 35 को घायल कर चुके हैं, जिनमें बच्चे, महिलाएं व वृद्ध हैं। भय के इस माहौल में कुछ परिवारों ने तो अपने बच्चों को बाहर रिश्तेदारी में भेज दिया है।
हालात गंभीर होते देख अब वन विभाग ने ऑपरेशन भेड़िया शुरू किया है। 16 टीमों के साथ ही जिला स्तरीय 12 अधिकारी कैंप कर रहे हैं। टीम ने अब तक तीन भेड़ियों को पकड़ा है, जिसमें से एक की मौत हो गई और दो लखनऊ चिड़ियाघर में रखे गए हैं। अपने तीन साथियों के पकड़े जाने के बाद भेड़िये और आक्रामक हो गए हैं।
महसी तहसील क्षेत्र में भेड़ियों के आतंक की शुरुआत मार्च में हुई, जब 10 मार्च को मिश्रनपुरवा की तीन वर्षीय बच्ची को भेड़िया उठा ले गया। 13 दिन बाद 23 मार्च को नयापुरवा में डेढ़ वर्षीय बच्चा भेड़िए का शिकार बना। अप्रैल से जून के अंत तक भेड़ियों के हमले में 10 बच्चे और वृद्ध घायल हुए। उसके बाद 17 जुलाई से अब तक एक महिला और छह बच्चों को भेड़ियों ने शिकार बनाया।
वन विभाग के पिंजरे में तीन अगस्त को एक भेड़िया कैद हुआ, जिसने दम तोड़ दिया। आठ और 18 अगस्त को दो भेड़िये पिंजरे में कैद हुए। इसके बाद झुंड और खूंखार हो गया। भेड़ियों के हमले में मासूमों समेत 25 लोग घायल हो गए।
ऑपरेशन भेड़िया में लगाई गई कई टीमें
प्रभागीय वनधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि कई टीमें ऑपरेशन भेड़िया में लगाई गई हैं। डीएम मोनिका रानी ने बताया कि मृतकों के स्वजन को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ प्रभावित गांवों में क्रिटिकल गैप फंड से 20 लाख रुपये से सोलर और हाईमास्ट लाइट लगवाने, घरों में दरवाजे लगवाने के लिए पांच लाख रुपये दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने भी तलब की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले की रिपोर्ट तलब की है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि वन विभाग ने मुख्यमंत्री को भी बहराइच में लगाई गईं टीमों और अब तक के प्रयासों की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने भेड़ियों को पकड़ने और प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के लिए कहा है।
बहराइच में भेड़िए के हमलों की घटना से हम सभी चिंतित हैं। मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह को मौके पर भेज दिया गया है। अधिकारियों को हर संभव प्रयास कर भेड़ियों को जल्द पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं।- डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन मंत्री
वन अधिकारी भेड़ियों के व्यवहार पर नहीं एकमत
ऑपरेशन भेड़िया की अगुवाई कर रहे डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि तीन भेड़िए गन्ने के खेत और झाड़ियों का लाभ उठाकर हमला कर रहे हैं, इनमें एक पैर से चोटिल है। इंसानों पर हमले को लेकर बधावन का कहना है कि भेड़िए का व्यवहार असामान्य है, ये छोटे जानवरों को शिकार बनाते हैं। उधर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव कहते हैं कि इस समय जंगलों में पानी भर जाने के कारण वन्यजीव भोजन की तलाश में बाहर निकल आते हैं। यही वजह है कि बहराइच में भी भेड़िए जंगलों से सटे गांवों में हमला कर रहे हैं।