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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार दूसरे साल बने दुनिया के टॉप सेंट्रल बैंकर, PM Modi ने दी बधाई

‘ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 2024’ में शक्तिकांत दास को ‘ए प्लस’ की रेटिंग मिली है। उन्हें लगातार दूसरे साल ‘ए प्लस’ रेटिंग मिली है। इसकी जानकारी आरबीआई ने अपने सोशल मीडिया पर दी है। ग्लोबल टॉप सेंट्रल बैंकर की लिस्ट में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास शीर्ष स्थान पर है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिका की ‘ग्लोबल फाइनेंस’ ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को लगातार दूसरे साल वैश्विक स्तर पर टॉप सेंट्रल बैंकर की उपलब्धि दी है। आरबीआई ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स (X) पोस्ट पर दी।

आरबीआई ने एक्स पोस्ट में कहा कि यह घोषणा करते हुए खुशी मिल रही है कि लगातार दूसरे साल ‘ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 2024’ में शक्तिकांत दास को ‘ए प्लस’ की रेटिंग मिली है। वैश्विक स्तर के तीन टॉप केंद्रीय बैंकरों की लिस्ट में शक्तिकांत दास का नाम शीर्ष पर है।

पीएम मोदी ने दी बधाई

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शक्तिकांत दास को बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि इस उपलब्धि के लिए आरबीआई गवर्नर श्री @DasShaktikanta को बधाई। यह आरबीआई में उनके नेतृत्व और आर्थिक विकास और स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में उनके काम की मान्यता है।

किस आधार पर मिलती है रेटिंग

ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका ने बताया कि महंगाई पर नियंत्रण, इकोनॉमिक ग्रोथ गोल, मुद्रा स्थिरता और ब्याज दर की मैनेजमेंट के आधार पर बैंकर्स को ‘ए’ से ‘एफ’ के पैमाने पर रेटिंग मिलती है। जहां एक तरफ ‘ए’ उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है तो वहीं दूसरी तरफ ‘एफ’ पूरी तरह से विफलता के लिए मिलता है।

इस बार ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका ने डेनमार्क के क्र‍िश्‍च‍ियन केटल थॉमसन, भारत के शक्तिकान्त दास और स्विटजरलैंड के थॉमस जॉर्डन को ‘ए प्लस’ रेटिंग दी है।

Global Finance Magazine के बारे में

Global Finance नाम की पत्रिका वर्ष 1994 में शुरू हुई थी। इस मैग्जीन में दुनिया के 101 देशों और इलाकों के केंद्रीय बैंक प्रमुखों का मूल्यांकन किया जाता है। इस लिस्ट में यूरोपीय संघ और कुछ दूसरे क्षेत्रीय केंद्रीय बैंक भी शामिल हैं।

इस पत्रिका में देखा जाता है कि कौन-कौन से केंद्र बैंक के प्रमुख ने अच्छे तरीके, नए विचार और दृढ़ इच्छाशक्ति से काम किया है। उनके काम के आधार पर ही पत्रिका द्वारा रेटिंग दी जाती है।

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