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UPSC Lateral Entry: नहीं होगी लेटरल एंट्री… केंद्र सरकार का यूपीएससी को पत्र, कहा- सीधी भर्ती रोके आयोग

45 पदों के लिए जारी किए गए सीधी भर्ती के नोटिकफिकेशन पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने यूपीएससी चैयरमेन को पत्र लिखा है। बता दे कि इस नोटिफिकेशन के बाद सरकार को विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही एनडीए के घटक दलों ने भी इस फैसले की आलोचना की थी।

HIGHLIGHTS

  1. राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC को लिखा पत्र
  2. 17 अगस्त को जारी किया गया था नोटिफिकेशन
  3. राहुल गांधी बोले- यह आरक्षण छीनने का प्रयास

एजेंसी, नई दिल्ली (Lateral Entry)। यूपीएससी ने हाल ही में लेटरल एंट्री के जरिए सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, जिस पर अब केंद्र सरकार ने यूपीएससी को पत्र लिखा है और इसे रोकने के लिए कहा है। गौरतलब है कि सीधी भर्ती के नोटिफिकेशन के बाद सियासी बवाल मच गया था।

क्‍या है मामला

दरअसल, 17 अगस्त को यूपीएससी ने एक भर्ती विज्ञापन जारी किया था। इसके जरिए जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल के 45 पदों पर भर्तियां निकाली गई थी। जिसका विपक्षी दलों ने विरोध जताया था। साथ ही एनडीए के कई घटक दलों ने भी फैसले पर आपत्ति जाहिर की थी।

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क्या बोले राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस फैसले की आलोचना की थी। उन्होंने अपने एक्‍स पर पोस्ट कर कहा कि ‘लेटरल एंट्री दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है।’ उन्होंने भाजपा पर संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

क्या बोली सरकार

केंद्र सरकार ने इस फैसले पर सफाई पेश की थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि लेटरल एंट्री की अवधारणा यूपीए सरकार ने विकसित की थी। यूपीए सरकार ने 2005 में प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) बनाया था, जिसकी अध्यक्षता वीरप्पा मोइली ने की थी।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ARC ने ने उन भूमिकाओं में विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी, जिनके लिए विशेष ज्ञान की आवश्यकता होती है। एनडीए सरकार ने इस सिफारिश को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है. यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्तियां की जाएंगी। इससे प्रशासन में सुधार होगा।

भाजपा ने साधा निशाना

UPSC लेट्रल एंट्री भर्ती विषय को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “राहुल गांधी और उनके खानदान की आरक्षण और SC-ST, OBC को लेकर जो खानदानी विरासत है वो किसी से छिपी हुई नहीं है और उनकी अज्ञानता भी किसी से छिपी नहीं है।”

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